आगरा। कौन कहता है न्याय जिंदा नहीं है न्याय तो जिंदा है पर अन्याय के खिलाफ मजबूती से लड़ने वाला होना चाहिए पर यह साबित कर दिखा है आगरा के अधिवक्ता साबिर अली राशिद अली व लता कुमारी ने आपको बताते चले की वर्ष 2018 में थाना अछनेरा में पंजीकृत हुए पोस्को एक्ट के मुकदमे में पीड़ित को ब इज्जत बरी कराकर अधिवक्ता साबिर अली, रशीद कुरैशी, लता कुमारी, शमशेर खान व बदउन्निशा ने वादी को न्याय दिलाकर यह साबित कर दिखाया है कि न्याय अभी जिंदा है छूटे मुकद्दमे लगाने वाले पीड़ित को परेशान तो कर सकते हैं लेकिन पराजित नहीं…
वर्ष 2018 से लगातार अन्याय के खिलाफ लड़ने वाले अधिवक्ताओ ने मजबूती से पहरवी करते हुए अपने पीड़ित अब्दुल कलाम को न्याय दिला कर महज 6 वर्ष की मेहनत व लगन के बाद उसे न्याय दिलाया है न्याय पाकर पीड़ित अब्दुल कलाम ने अधिवक्ता साबिर अली, राशिद कुरैशी,लता कुमारी,शमशेर खान व बदउन्निशा को धन्यवाद दिया और कहां है कि लोग झूठा मुकदमा लिखा कर परेशान तो कर सकते हैं लेकिन अधिवक्ता अगर मजबूती के साथ पहरवी करें तो वह पराजित नहीं हो सकता.. मैं
न्याय पाकर बहुत ही खुश हूं और मुकद्दमा लिख जाने के बाद मेरा क़ानून पर से विश्वास जो उठ गया था पर आज न्याय पाकर मेरा न्याय करने वाले भगवान रूपी जज पर विशवास जागा है न्याय देने वाली जज एक भगवान की तरह होते हैं जिन्होंने हमारे केस को अच्छे से सुना और हमारे गवाह को भी अच्छे से सुनने के बाद जो आज जो निर्णय दिया है वह साबित कर दिखाया है कि अन्याय के खिलाफ लड़ने पर पीड़ित को न्याय अवश्य मिलता है और न्याय पाकर पीड़ित ने जज साहब को भी बहुत-बहुत धन्यवाद दिया