आगरा। गुरुद्वारा दशमेश दरबार शहीद नगर विभव नगर आगरा पर चल रहे सफर ए शहादत शहीदी सप्ताह पर शहीदी समागम में हाजिर नाजिर गुरु धन-धन श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी के दीवान में अपनी हाजिरी भरने आए पंथ के महान विद्वान कथा विचारक भाई साहब भाई कुलदीप सिंह दरबार साहिब सचखंड श्री हरमंदिर अमृतसर वालों ने शहादत ए सफरनामा देश कोम के लिए कुर्बानी सरवंश दानी गुरु गोविंद सिंह जी के परिवार पंज प्यारे चार साहिबजादो शहीदी सिंह सिंहंगनीयो बाबा बंदा सिंह बहादर शहीद पिता के गुरु तेग बहादुर साहिब जी के बेटे शहीद पुत्रों के पिता माता गुर्जर कौर की कोख से जन्मे धन-धन गुरु गोविंद सिंह मानवता की मिसाल जिनका कोई सानी नहीं ऐसे गुरुओं की
शहादत को नमन कर जुल्मी हुकूमत के जुल्म इतिहास गुरमत विचार वृतांत सांझा किए संगतो को गुरुओं की बख्शीश बक्शी हर किसी की आंखों में हंजू वाह वाह गोविंद सिंह आपके गुरु चेला
गुरु के कीर्तनीय भाई जगतार सिंह देहरादून वालों ने भाई गुरशरण सिंह आगरा वालों द्वारा शब्द गुरबाणी कीर्तन शहीदी का महत्व समझाया
शब्द: मेरे राम राय तू संता का संत तेरे तेरे सेवक को भव किछ नाही जम नहीं आवे नेडे,,,,,मरता मरता जग मु,,,, मेरा मुझमें कुछ नहीं जो कुछ है सो तेरा,,,, तू तू करता तु मुआ,,,,जिस दा साहिब डाडा होए तिस नू मार ना साके कोई,,,,,सब जगत करें नमस्कार उन्हा नू
सब जगत करें नमस्कार,,,,
गुरु महाराज जी के आगे अरदास हुकुमनामा के साथ सभी ने एक पंगत एक संगत होकर गुरु का लंगर पाया सेवा में प्रधान हरपाल सिंह श्याम भोजवानी मलकीत सिंह इंद्रजीत सिंह गुरिंदर सिंह हरजिंदर सिंह सुरेंद्र सिंह लवली हरजीत सिंह सुरेंद्र सिंह लाडी हरजिंदर सिंह खनूजा, गुरमीत सेठी रिंकू वीर जसविंदर सिंह प्रमोद अरोड़ा समस्त प्रबंधक कमेटी