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एएमयू ने जैविक हथियारों के जवाब मे कहा मॉफ है

  • भारत के डिपार्टमेंट ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी से मिले प्रोजेक्ट से तैयार किया केमिकल
  • जैविक हथियार से रक्षा को केमिकल तैयार करने के लिए देशभर के विवि से एएमयू का चुना गया
  • भारत सरकार और डीआरडीओ के लिए एएमयू ने तैयार किया है मॉफ नामक केमिकल
  • केमिकल को युद्धग्रस्त क्षेत्र में तैनात सैनिकों के सूट पर लेप के रूप में लगाया जाएगा
  • जैविक हथियार से निकली जहरीली गैस को निष्क्रिय करने में सक्षम है मॉफ केमिकल

संवाद।। शोज़ब मुनीर

अलीगढ़ मुस्लिम विवि के रसायन विभाग द्वारा तैयार मॉफ की लेयर

अलीगढ़। युगों से युद्ध मे दुश्मनों को हराने की लिय नए नए हथयारों का आविष्कार किया जाता रहा है, लेकिन इस के साथ ही नए नए हथयारों से बचने की लिए भी आविष्कार किए जाते रहे हैं। आधुनिक युग मे कैमिकल वेपन यानि जैविक हथियार का आविष्कार हुआ, कैमिकल वेपन से किसी न किसी रूप मे सभी घबराए हुए हैं, इस परिस्थिति मे अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी रसायन विभाग अब इससे डरने की जरूरत नहीं है। जैविक हथियार से रक्षा के लिए अलीगढ़ मुस्लिम विवि के रसायन विभाग ने तोड़ निकाल लिया है। एएमयू ने भारत सरकार के डिपार्टमेंट ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी से मिले प्रोजेक्ट तहत मॉफ (मेटल ऑर्गेनिक फ्रेम वर्क) को खोज निकाला है। जिससे कोई भी नर्व गैस को निष्क्रिय किया जा सकता है।


अलीगढ़ मुस्लिम विवि के रसायन विभाग द्वारा नर्व गैस, मस्टर्ड गैस, नर्व एजेंट और सल्फर कंपाउंड जैसे घातक गैसों से बचने के लिए रसायनिक कैमिकल तैयार कर लिया है। जिसे मॉफ (मेटल ऑर्गेनिक फ्रेम वर्क) का नाम दिया गया है। इस कैमिकल का ट्रायल प्रयोगशाला में सफलता पूर्वक कर लिया गया। जिसके डिटेल रिपोर्ट भारत सरकार के डिपार्टमेंट ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी को दो माह पूर्व भेज दिया गया है। यह कैमिकल सभी नर्व गैस से रक्षा करने में कारगर है। बता दें कि पूरे भारत में सिर्फ अलीगढ़ मुस्लिम विवि के रसायन विभाग को प्रोजेक्ट भारत सरकार द्वारा दिया गया हैचार साल पहले मिला था प्रोजेक्ट

मॉफ (मेटल ऑर्गेनिक फ्रेम वर्क) को रसायन विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. मो. शाहिद, प्रोजेक्ट जेआरएफ मो. यासिर खान, ट्रेनी उमरा अरशद द्वारा तैयार किया गया है। डॉ. मो शाहिद ने बताया कि भारत सरकार से यह प्रोजेक्ट उन्हें चार साल पहले मिला था। प्रोजेक्ट फाइनल स्तर पर है। जिसकी डिटेल रिपोर्ट भारत सरकार के डिपार्टमेंट ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी को भेज दिया गया है। इस शोध के तहत 170 शोध पत्र तैयार किए गए हैं। जो मॉफ (मेटल ऑर्गेनिक फ्रेम वर्क) से जुड़े हैं। विभाग का यह सातवां प्रोजेक्ट है।

रसायन विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. मो. शाहिद के साथ जेआरएफ मो. यासिर खान


सैनिकों के सूट पर लगेगा लेप, कीमत मामूली
रसायन विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. मो शाहिद ने बताया कि इस कैमिकल का ट्रायल प्रयोगशाला में पीपीई किट का प्रयोग कर किया जा चुका है। युद्ध क्षेत्र में सैनिकों की रक्षा के लिए उनके सूट पर यह लेप के रूप में कई लेयर में लगेगा। जिससे मास्क, पूरी बॉडी, त्वचा कवर होगी। जिससे कि कोई नर्व गैस असर नहीं कर पाएगी। सबसे अच्छी बात यह है कि यह बेहद सस्ता और टिकाऊ है। एक सैनिक पर कैमिकल का खर्च करीब 700 से 800 रुपये का आएगा। इन सब मे सब से अहम बात ये है की अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के रसायन विभाग ने समस्त संसार की एक बड़ी परेशानी दूर कर दी है।