लखनऊ: काशी और मथुरा को लेकर चल रहे विवाद पर शिया धर्मगुरु मौलाना जावेद हैदर जैदी ने बड़ा बयान देते हुए कहा है कि इन धार्मिक स्थलों को लेकर किसी भी तरह का समझौता नहीं किया जाएगा। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा, “हम न तो किसी की जमीन हड़पेंगे और न ही अपनी जमीन का 1 इंच हिस्सा देंगे। कोर्ट का जो भी फैसला होगा, वह हमें पूरी तरह स्वीकार्य होगा।”
कोर्ट के फैसले पर भरोसा
मौलाना जैदी ने कहा कि कानून का सम्मान करना हर नागरिक का फर्ज है। उन्होंने जोर देकर कहा, “यह मामला न्यायालय में है, और हमें न्यायपालिका पर पूरा भरोसा है। कोर्ट का जो भी फैसला आएगा, हम उसे पूरी तरह से स्वीकार करेंगे।”
सांप्रदायिक सौहार्द बनाए रखने की अपील
धर्मगुरु ने देशवासियों से अपील करते हुए कहा कि इस मुद्दे को लेकर कोई भी ऐसा कदम न उठाया जाए, जो समाज में दरार पैदा करे। उन्होंने कहा, “हमारा देश गंगा-जमुनी तहजीब का प्रतीक है, और इसे बनाए रखना सभी नागरिकों की जिम्मेदारी है। काशी और मथुरा को लेकर बेवजह विवाद खड़ा करना देश की एकता के लिए खतरनाक हो सकता है।”
धार्मिक स्थलों की सुरक्षा पर जोर
मौलाना जावेद हैदर जैदी ने सरकार से अपील की कि धार्मिक स्थलों की पवित्रता और शांति बनाए रखने के लिए कड़े कदम उठाए जाएं। उन्होंने कहा कि इस मुद्दे को लेकर किसी भी प्रकार की राजनीति करना निंदनीय है और इससे बचना चाहिए।
समाज में भाईचारे का संदेश
अपने बयान के अंत में मौलाना ने कहा, “हम सभी को एकजुट होकर देश की शांति और सद्भाव के लिए काम करना चाहिए। काशी और मथुरा हमारे सांस्कृतिक धरोहर हैं, और इनकी सुरक्षा में ही हमारी एकता निहित है।”
मौलाना जावेद हैदर जैदी के इस बयान के बाद उम्मीद की जा रही है कि काशी-मथुरा विवाद को लेकर लोगों में जागरूकता बढ़ेगी और यह मुद्दा कानूनी रूप से सुलझ सकेगा।