उत्तर प्रदेश

चंदन कांड 28 लोगों की सजा पर सपा जिलाध्यक्ष विक्रम यादव ने कहा बीजेपी की स्ट्रेटजी यही रही है लाशों पर राजनीति करना

संवाद।। नूरुल इस्लाम


न्याय पारदर्शी होना चाहिए पुलिस की लापरवाही पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं

कासगंज।कासगंज शहर में 26 जनवरी 2018 में सांप्रदायिक आग लगी थी जिसमें चंदन गुप्ता की मौत हुई थी। समाजवादी पार्टी के जिला अध्यक्ष विक्रम यादव ने कहा कि चंदन कांड में सजा होने के बाद यह बहुत ही संवेदनशील विषय होने के बाद मुझे लगा इस प्रकरण पर लोगो को आईना दिखाना जरूरी है बीजेपी की स्ट्रेटजी यही रही है उसने लाशों पर राजनीति करके लाभ तो लेती है पर पीड़ित परिवारों के साथ धोखा करती है सबसे पहले चंदन हत्या कांड के कुछ बिंदु आवाम को जरूर पता होना चाहिए मुस्लिम समुदाय के लोग विधिवत परमिशन लेकर गणतंत्र दिवस मना रहे थे ऐसा होता नहीं है हजारों जगह लोग गणतंत्र दिवस मनाते हैं पर परमिशन प्राय नहीं लेते हैं यह उनके नियम और कानून का पालन करने का अदभुत उदाहरण था दूसरा पक्ष गैर कानूनी तरीके से जलूस निकालते हुए मुस्लिम समुदाय की गली में गया गली छोटी थी उसमें कुर्सी आदि लगे थे उससे उलझा उत्तेजक नारे लगाए फिर विवाद हुआ बीजेपी सरकार थी तब प्रशासन क्या कर रहा था इंटेलिजेंस क्या कर रही थी उस गली में समय रहते निर्णय क्यों नहीं लिया विवाद के बाद जलूस का नेतृत्व बीजेपी नेताओं ने मोर्चा संभाला भीड़ को भड़काया भीड़ थाने की तरफ बड़ी मुस्लिम के खिलाफ नारे बाजी होने लगी तो कायदे से उस भीड़ को सूत की मंडी या बारह दरी की तरफ जाने दिया जाता लेकिन प्रशाशन ने आगे से भीड़ रोक कर तहसील की तरफ मुस्लिम बस्ती का रुख कर दिया भीड़ के पास लाठी डंडे हथियार थे जब सैकडो का मूव उत्तेजित होकर किसी मोहल्ले की तरफ बढ़ेगा लोग अपनी सुरक्षा के लिए चिंतित होंगे लेकिन सबसे बड़ी बात यह है क्या उन पुलिस कर्मियों या प्रशाशन के खिलाफ कोई कार्यवाही होने दी जिन्होंने चंदन और बीजेपी नेताओं की भीड़ मुस्लिम एरिया की तरफ भेजी चंदन के जो गोली लगी वह तहसील की दीवार की पश्चिम की तरफ लगी आरोपियों के घर की छत पूर्व दिशा में लगभग सत्तर मीटर दूरी पर थी चोट में ब्लेकनिंग आई जो सिर्फ नजदीक से ही गोली चलने पर संभव है जब गोली नजदीक से चलती है बारूद त्वचा को जलाती है चंदन के उल्टी दिशा में गोली कैसे लगी उसके बाद हिन्दू बस्ती में दर्जनों मुस्लिम खोखे दुकानें जली लेकिन मुस्लिम बस्ती में सैकडो हिन्दू दुकानों जो मुस्लिम समुदाय में थी किसी को कोई नुकसान नहीं हुआ मेरा कहना है न्याय पारदर्शी होना चाहिए पुलिस की लापरवाही पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं वहीं जो दुकानें जलाई गई उनमें किसके खिलाफ कार्यवाही हुई जिन लोगों ने भीड़ भड़काई बे तहसील की तरफ चंदन एंड कंपनी को ले गए क्या बे इस कत्ल के षड्यंत के गुनाह गार नहीं थे क्या इस हत्या में सभी अठ्ठाईस लोग जिम्मेदार थे गोली सिर्फ एक चली चोट कोई थी नहीं तो सभी की कत्ल में हिस्सेदारी कैसे हो गई क्या बीजेपी के लोग भीड़ के मूव से लेकर दुकानें जलाने तहसील की तरफ भीड़ का मूव ले जाने प्रशाशन ने जाने कैसे दिया क्या जिम्मेदार नहीं थे जो बाद ने घटनाएं हुई उसमें क्या सजा हुई बहराइच की घटना किसी की छत पर चढ़कर उसका धार्मिक झंडा जबरन गिराना उसकी मुंडेर गिराना फिर हजारों की भीड़ को घर के सामने खड़ा कर देना क्या देश के संविधान में खुद की आत्म रक्षा का अधिकार यदि हैं तो उसका क्या मतलब है बाबरी मस्जिद राम जन्म भूमि विवाद हो या बहराइच या चंदन कांड जब हुए तो राजनेतिक रोटी सेकी गई ऐसा लगा बीजेपी इन परिवारों के लिए क्या करेगी नौकरी के वायदे पता नहीं क्या क्या चंदन के घर वालो को सरकारी नौकरी आदि फिर क्या हुआ किसी का चंदन दुनिया से नहीं जाना चाहिए लेकिन चंदन के उकसाया किसने अभी कोर्ट कई है उच्च न्यायालय है सुप्रीम कोर्ट है जो बातें रह गई होंगी अधिवक्ता उसे बहस में ले आएंगे कोई छूटेगा कोई जेल जाएगा ना चंदन लौटेगा जो और भी वरी हो जायेगे उनके समय की भरपाई कौन करेगा लेकिन यह कटु सत्य है कुछ लोगों को फासीवादी विचार धारा ने बरवाद कर दिया शहर पर आजीवन कलंक लगा दिया।