● भावी विधायक या भावी प्रत्याशी लिखने पर लगाई रोक
● कहा,कोई अभी से अपना टिकट पक्का मान कर न चले
लखनऊ। अखिलेश यादव ने अपने यहां टिकट की चाह में बढ़-चढ़ कर दावे करने वालों की हसरतों पर पानी फेर दिया है। उन्होंने अपने नेताओं को भावी विधायक या भावी प्रत्याशी के तौर पर प्रचारित करने पर रोक लगा दी है। उन्होंने साफ कर दिया कि विधानसभा चुनाव के लिए कोई भी अपना टिकट अभी से पक्का मान कर न चले।
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने ये बातें हाल में हुई अपने प्रमुख पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं की एक गोपनीय बैठक में कहीं। सपा मुखिया ने कहा कि अगर कोई पिछला विधानसभा चुनाव में प्रत्याशी रहा हो तो भी वह किसी गलतफहमी में न रहे। टिकट उस वक्त की परिस्थितियों, गठबंधन की स्थिति व पीडीए वोट मतदाताओं को साधने की क्षमता पर निर्भर करेगा। सभी को पीडीए को ही आगे रख कर पार्टी के लिए काम करना है। असल में सपा नेतृत्व ने उन लोगों को साफ संदेश दिया कि जो अपने जिलों में खुद को अगला प्रत्याशी, टिकट पक्का होने व अगला विधायक होने के दावे कर रहे हैं।
सपा प्रमुख ने अपने उन पदाधिकारियों को भी चेताया जो यदाकदा सार्वजनिक तौर पर मायूसी भरी बाते करते हैं। उन्होंने कहा कि इस तरह की बातें कतई नहीं होनी चाहिए। इससे कार्यकर्ताओं का मनोबल कमजोर होता है। उन्होंने कहा कि कामयाबी का कोई शार्टकट रास्ता नहीं होता। कार्यकर्ता ईमानदारी से काम करते हुए मेहनत करें। राजनीति में अनुशासन बहुत जरूरी है।
सोशल मीडिया पर अखिलेश की बारीक नजर
अखिलेश यादव ने पीडीए में पैठ गहरी करने के लिए पदाधिकारियों द्वारा की जा रही बैठकों की समीक्षा की। उन्होंने एक बैठक में एक प्रमुख नेता का नाम लिए बिना कहा कि वह जब भी पीडीए की बैठक करते हैं तो उनके साथ चार पांच नेताओं के चेहरे ही हर बैठक की फोटों में दिखते हैं। उनका इशारा था कि इस तरह की खानापूर्ति वाली बैठकें न हों। उक्त नेता को सपा प्रमुख ने कुछ समय पहले पार्टी में अहम जिम्मेदारी दी है।