प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में राष्ट्रीय सद्भावना बोर्ड गठित करने का प्रस्ताव भी पारित ।
अजमेर। दरगाह के आध्यात्मिक प्रमुख दीवान सैयद जैनुल आबेदीन अली खान सूफी संत हजरत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती के 813 वें उर्स की पूर्व संध्या पर सोमवार को दरगाह स्थित खानकाह शरीफ (मठ) में देश भर की प्रमुख दरगाहों के सज्जादानशींनो सूफियों एवं धर्म प्रमुखों की वार्षिक सभा को संबोधित करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा तमाम विरोध के बावजूद ख्वाजा साहब के 813 उर्स में चादर भेजकर अपनी अक़ीदत का इजहार करना मंदिर मस्जिद विवाद को हवा देकर सांप्रदायिक माहौल खराब करने वालों के लिए एक सकारात्मक संदेश है।
देशभर के सूफी, सज्जादानशीन, दरगाह प्रमुखों की आयोजित वार्षिक सभा में सर्वसम्मति से देश में अमन चैन का माहौल कायम रखने के लिए प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में राष्ट्रीय सद्भावना बोर्ड गठित किए जाने का प्रस्ताव भी पारित किया गया।
आध्यात्मिक प्रमुख ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि देश में मंदिर-मस्जिद विवाद भड़काने वालों और सांप्रदायिक प्रचार करने वालों से यह पूछना जरूरी है कि आप इतिहास की उन अनेक सच्चाईयों को उजागर क्यों नहीं करते जिनसे देश के भाईचारे,धार्मिक सौहार्द और सहनशीलता के बारे में पता चलता है। क्या ये लोग इतिहास का अध्ययन केवल नफरत फैलाने के उदाहरण खोजने के लिए करते हैं।
उन्होंने कहा कि ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की पवित्र दरगाह को हिंदु भाइयों द्वारा उतना ही सम्मान दिया जाता है जितना मुसलमानों के द्वारा दिया जाता है यहाँ सब को सम्मान की नज़र से देखा जाता है। पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू से लेकर नरेंद्र मोदी तक सभी प्रधानमंत्री उर्स के मौके पर दरगाह में अपनी चादर भेजते रहे हैं जिस को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी तमाम विरोध के बावजूद क़ायम रख साफ़ संदेश दिया है कि वह जीतने दूसरे धर्मों के हितेषी है उतने ही मुसलमानों के भी ।
अंत में सभा में यह प्रस्ताव पारित हुआ कि देश से मंदिर मस्जिद विवाद को हमेशा के लिए समाप्त करने और देश में सधभावना को भड़ावा देने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी की अध्यक्षता में देश में राष्ट्रीय सधभावना बोर्ड का घठन हो ।
इस पारंपरिक आयोजन में देश की प्रमुख चिश्तिया सिलसिले की दरगाहों के सज्जादगान व धर्म प्रमुखों ने भाग लिया जिस में में मेहँदी मियां नियाजी बरेली शरीफ, फ़रीद निजामी दिल्ली, सैयद तुराब अली हलकट्टा शरीफ आध्रप्रदेष, सैयद जियाउद्दीन दरगाह अमेटा शरीफ गुजरात, बादशाह मियां जियाई जयपुर, सैयद बदरूद्दीन दरबारे बारिया ,कर्नाटक गुलबर्गा शरीफ में स्थित ख्वाजा बंदा नवाज गेसू दराज की दरगाह के सज्जादानशीन सैयद अली हसैनी, दरगाह सूफी कमालुद्दीन चिश्ती के सज्जानशीन गुलाम नजमी फारूकी, नागौर शरीफ के सज्जादानशीन, सहित भागलपुर बिहार, फुलवारी शरीफ यु.पी., से लखनऊ, शफ़ीपुर शरीफ, बरेली मुरादाबाद, उत्तराखण्ड प्रदेश से गंगोह शरीफ दरबाह साबिर पाक कलियर, दिल्ली स्थित दरगाह हजरत निजामुद्दीन, सहित देशभर के 100 सज्जादगान मौजूद थे।