संवाद/ विनोद मिश्रा
बांदा। बुंदेलखंड में मोटा अनाज किसानों के लियें मोटी आमदनी का जरिया बनने जा रहा है।इसके लियें छह प्रोसेसिंग प्लांट अगले साल तक तैयार हो धन वर्षा कराने लगेगें। बांदा में प्रोसेसिंग प्लांट कृषि विश्वविद्यालय में संचालित कृषि विज्ञान केंद्र में बनेगा। इसके लिए भूमि पूजन हो चुका है। प्लांट लगने से किसान मोटे अनाजों की पैकिंग कराकर अच्छी आमदनी ले सकेंगे।
बुंदेलखंड मोटे अनाज के उत्पादन की दृष्टि से बेहद मुफीद माना जाता है। सभी सात जिलों में करीब दो लाख हेक्टेयर में ज्वार, बाजरा, सांवा, कोदो आदि की फसलें होती हैं। अभी किसानों को इन अनाजों से अच्छी आय नहीं मिलती। कृषि विश्वविद्यालय ने मोटे अनाज से लड्डू, बिस्किट आदि बनवाकर इनकी पैकिंग करने की तैयारी की है, ताकि किसानों की आय में वृद्धि हो सके।
मिलेट्स पुनरोद्धार कार्यक्रम के तहत बुंदेलखंड के छह जनपदों में मोटे अनाज के प्रोसेसिंग प्लांट लगवाए जा रहे हैं। इनमें बांदा भी शामिल है। एक प्रोसेसिंग प्लांट की स्थापना पर करीब 95 लाख रुपये खर्च होंगे। इस तरह छह प्लांटों में करीब साढ़े पांच करोड़ रुपये खर्च हो रहें हैं। यह सभी प्लांट एक साल में बनकर तैयार हो जाएंगे।
बुंदेलखंड में प्रोसेसिंग यूनिट की स्थापना बांदा के अलावा हमीरपुर, ललितपुर, महोबा, जालौन और झांसी में हो रही है। प्रोसेसिंंग भवन के निर्माण का दायित्व कार्यदायी संस्था सीएनडीएस सौंपा गया है।
प्लांट में अत्याधुनिक प्रोसेसिंग मशीनें लगेंगी। किसानों के मोटे अनाज की पैकेजिंग होगी और उन्हें मार्केटिंग की सहूलियत मिलेगी। कृषि विश्वविद्यालय इसे पहचान देकर किसानों को मोटे अनाज की बिक्री को बाजार उपलब्ध कराया जाएगा, जिससे उन्हें उपज का सही मूल्य मिल सके।