जनपद में टीबी उन्मूलन को चलाया जा रहा 100 दिवसीय सघन जागरुकता अभियान
जनपद में शिविर लगाकर की जा रही लोगों की स्क्रीनिंग
मैनपुरी। क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम के अंतर्गत 31 दिसंबर 2024 से 24 मार्च 2025 तक 100 दिवसीय सघन जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। इसके अंतर्गत जनपद में विभिन्न स्थानों पर टीबी के प्रति लोगों को जागरुक किया जाएगा, इसके साथ ही शिविर लगाकर टीबी के लक्षणों वाले लोगों की स्क्रीनिंग भी की जाएगी। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. आरसी गुप्ता ने बताया कि दो सप्ताह से अधिक खांसी है, सीने में दर्द है, मुंह से खून आता है, थकान महसूस होती है, सांस लेने में तकलीफ होती है, गर्दन में गिल्टी,गांठ की समस्या है, रात में पसीना आता है, वजन तेजी से कम हो रहा है या भूख नहीं लगती है तो इन लक्षणों को नजरअंदाज न करें। यह टीबी के लक्षण हो सकते हैं। 100 दिवसीय सघन टीबी जागरुकता अभियान के दौरान अपनी स्क्रीनिंग कराएं।
सीएमओ ने सभी से अपील करते हुए कहा है कि टीबी की स्क्रीनिंग कराना अति आवश्यक है, इससे आपको पता चल जाएगा की कहीं आपको टीबी तो नहीं है। यदि जांच में टीबी निकलती भी है तो घबराने की जरूरत नहीं है। टीबी के उपचार का प्रावधान है। उन्होंने कहा कि टीबी को हमें अपने आसपास से खत्म करना है, यह तभी संभव है जब हम टीबी की पहचान करके उपचार के द्वारा इसे प्रत्येक व्यक्ति से समाप्त कर देंगे, तो हम एक स्वस्थ और सुरक्षित समाज की ओर बढ़ेंगे। इसलिए टीबी को छिपाएं नहीं, बल्कि सामने आकर जांच कराएं और टीबी होने पर उपचार कराएं।
इनपर रहेगा लक्ष्य
मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि 100 दिवसीय जागरुकता अभियान के दौरान 60 वर्ष तक के व्यक्तियों , धूम्रपान करने वाले व्यक्ति, शराब का सेवन करने वाले व्यक्ति, शुगर ग्रसित व्यक्ति, कुपोषित व्यक्ति, टीबी मरीजों के संपर्क में आने वाले लोगों, पिछले पांच वर्ष में टीबी स्वस्थ हुए टीबी रोगियों, कॉनग्रीगेट साइट, कारागार में निरुद्ध कैदी, वृद्धाश्रम व रैन बसेरों और आवासीय स्कूलों में रहने वाले छात्र-छात्राओं को लक्ष्य मानकर उनकी टीबी की जांच की जाएगी व उनको टीबी के प्रति जागरुक किया जाएगा।
जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. आशुतोष कुमार ने बताया ने बताया कि अभियान को सफल बनाने के लिए सभी प्रभारी चिकित्सा अधिकारी, अधीक्षक, एनटीईपी स्टाफ, मेडिकल ऑफिसर, सीएचओ, एएनएम व आशाओं को प्रशिक्षण दिया जा चुका है। अब वह सफलतापूर्वक अपने-अपने क्षेत्रों में लोगों को टीबी के प्रति जागरुक कर रहे हैं और उनके द्वारा शिविर लगाकर लोगों की टीबी की स्क्रीनिंग करके जांच के लिए सैंपल लिए जा रहे हैं। 100 दिवसीय सघन टीबी अभियान को सफल बनाने के लिए शिक्षा विभाग, पंचायतीराज, बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग, महिला कल्याण विभाग, ग्रामोदय विकास, श्रम विभाग, गृह विभाग सहित अन्य संस्थाओं द्वारा सहयोग किया जाएगा। इस संबंध में सीडीओ द्वारा अंतर्विभागीय बैठक कर सभी विभागों को अभियान में सहयोग करने के निर्देश दिए जा चुके हैं।
टीबी मरीज के घर सभी खाएंगे प्रिवेंटिव दवा
जिला क्षय रोग अधिकारी ने बताया कि अभियान के दौरान टीबी मरीजों के घरों में जाकर उनके घर के अन्य सदस्यों को टीबी प्रिवेंटिव दवा खिलाई जाएगी। यह दवा सप्ताह में एक बार खिलाई जाएगी। अन्य लोगों में टीबी का संक्रमण न हो, इसके लिए टीबी रोगी के संपर्क में आने वाले सभी लोगों की स्क्रीनिंग की जाएगी।
टीबी का इलाज
जिला कार्यक्रम समन्वयक मोनिका यादव ने बताया कि सौ दिवसीय सघन जागरूकता अभियान के अंतर्गत जिले में 82 जागरूकता शिविर आयोजित किया जा चुके हैं जिसमें 8061 संभावित क्षय रोगियों जांच की गई है साथ ही सभी का बलगम भी जांच के लिए लिया गया है। टीबी का इलाज एंटीबायोटिक दवाओं से किया जा सकता है। इलाज के दौरान मरीज को नियमित रूप से दवाएं लेनी होती हैं और डॉक्टर की सलाह का पालन करना होता है।
बच्चों को जरूर लगवाएं टीका, टीबी से भी करेगा बचाव
प्रभारी जिला स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी रवींद्र सिंह गौर ने बताया कि शून्य से पांच वर्ष तक के बच्चों के लिए टीकाकरण बहुत जरूरी है, क्योंकि इससे उन्हें 11 जानलेवा बीमारियों से बचाया जा सकता है। जिसमें क्षय रोग भी है। बच्चों के जन्म के बाद सबसे पहला टीका बीसीजी लगाया जाता है, जो आपके बच्चे को टीबी की बीमारी से बचाता है। समाज में टीबी रोग से बचाव और टीकाकरण के महत्व के बारे में जागरूकता आवश्यक फैलाएं जिससे सभी स्वस्थ रहें। क्योंकि जानकारी ही बचाव है।
इन लक्षणों को नजरअंदाज न करें
- खांसी दो सप्ताह से
- बुखार
- सीने में दर्द
- मुंह से खून आना
- थकान
- सांस लेने में तकलीफ
- गर्दन में गिल्टी, गांठ, बांझपन आदि
- रात में पसीना आना
- वजन कम होना
- भूख न लग