संवाद/ विनोद मिश्रा
बांदा। चित्रकूटधाम मंडल में पारा लुढ़कने से लगभग 20 लाख से अधिक मवेशियों की जान जोखिम में है। ठंड से मवेशियों की खुराक आधी रह गई है। इससे दूध का उत्पादन भी घटकर एक चौथाई रह गया है। मवेशियों में हाइपोथर्मिया बीमारी का खतरा भी बढ़ गया है। कीमती और दुधारू मवेशियों पर पड़ रही मौसम की मार से पशुपालक परेशान हैं। आए दिन हो रही मवेशियों की मौत से नुकसान उठाना पड़ रहा है।
चित्रकूटधाम मंडल में 8 लाख 3 हजार, 355 गोवंश और 12 लाख 76 हजार, 110 महिषवंशीय मवेशी हैं। विशेषज्ञों की मानें तो गोवंश 10 और महिषवंशीय मवेशी आठ डिग्री तापमान ही सहन कर सकते हैं। वर्तमान समय में तापमान 5 डिग्री तक पहुंचने से मवेशी परेशान हैं। मवेशियों की खुराक आधी होने से इनका दूध एक चौथाई रह गया है।पर्याप्त चारा-पानी, छाया आदि की व्यवस्था न होने से कमजोर पशु कोल्ड डायरिया, हाइपोथर्मिया की चपेट में आ रहे हैं। इससे पशुपालक खासे परेशान हैं। मवेशियों को ठंड से बचाने के हर संभव उपाय कर रहे हैं। सबसे बुरा हाल तो गोशालाओं में बंद मवेशियों का है।
उनके खाने पीने और ठंड से बचाव के पर्याप्त उपाय न होने से बड़ी संख्या में बीमार हा़े रहे हैं। ठंड के कारण कमजोर,उम्रदराज व दुधारू पशु पत्ते की तरह कांप रहे हैं। आए दिन उनकी हाइपो थर्मिया की चपेट में आने से मौत हो रही है।