आगरा। प्रख्यात साहित्यिक संस्था ‘ताज लिटरेचर क्लब’ द्वारा विश्व हिंदी दिवस एवं स्वामी विवेकानंद जयंती “राष्ट्रीय युवा दिवस” के उपलक्ष्य में ‘भव्य राष्ट्रीय कवि सम्मेलन’ का आयोजन आगरा राइजिंग पार्क, संजय प्लेस पर किया गया। इसी श्रंखला में साहित्य के संवर्धन में अतुलनीय योगदान देने पर साहित्य शिल्पी सम्मान से भी साहित्य साधकों को सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि राष्ट्र सेविका समिति की महानगर कार्यवाहक श्रुति सिंघल एवं सुप्रसिद्ध युवा चिकित्सक डॉ. सलोनी सिंह बघेल, संयोजक भावना वरदान शर्मा, सह संयोजक रोहित कत्याल, इंजीनियर राजकुमार शर्मा, महेश चंद्र शर्मा ने सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्वलित करके किया।
कार्यक्रम को जनमंच कवि एवं कवियित्रियों ने अपनी रचनाओं से भव्य बनाया वे हैं :- डॉ. कुसुम चतुर्वेदी, डॉ. अनिल बोहरे आशु कवि (हाथरस), डॉ. बृज बिहारी लाल बिरजू, प्रो. ओमपाल सिंह ‘निडर’ पूर्व सांसद (फिरोजाबाद), डॉ. मनीषा गिरी (दिल्ली), सुबोध सुलभ (टूंडला), गया प्रसाद मौर्य ‘रजत’, अनुपमा दीक्षित, सुखप्रीत सिंह सुखी (हाथरस), डॉ. राम प्रकाश चतुर्वेदी, डॉ. सुषमा सिंह, कवि डंडौतिया बाह, डॉ. राजेन्द्र मिलन, अशोक अश्रु, मंच संचालक डॉ. अंगद सिंह धारिया ने।
संस्था की अध्यक्ष और कार्यक्रम की संयोजक भावना वरदान शर्मा ने अतिथियों के स्वागत उद्बोधन में कहा कि स्वामी विवेकानंद युवाओं के प्रेरणास्रोत हैं जिन्होंने सनातन संस्कृति का प्रचार प्रसार पूरे विश्व में किया। सह संयोजक रोहित कत्याल ने कहा कि युवा दिवस और विश्व हिंदी दिवस पर कार्यक्रम आयोजित करने का उद्देश्य युवाओं को स्वामी विवेकानंद की शिक्षाओं और हिंदी साहित्य से जोड़ना है।
मंचन के कुछ अंश इस प्रकार हैं:- डॉ. मनीषा गिरी दिल्ली
“सोना -चांदी न फूलों- चमन के लिए ,
ना ही सागर के मोती-रतन के लिए।
प्रार्थना है यही मेरी भगवान से,
जान जाऐ तो जाऐ वतन के लिए”,
डा० ब्रजविहारी लाल ‘बिरजू’
“अपनों की पीड़ा ग़ैरों की-
उलझन वैसे भी क्या कम है?
कैसे हो उपचार बताओ,
दर्द बहुत है मरहम कम है”,
कवि सुबोध सुलभ टूण्डला “हमको पूर्ण तसल्ली होगी, नव भारत के आनंद की, जब दिखे युवाओं के चेहरे पर झलक विवेकानंद की”,
प्रो. ओमपाल सिंह निडर
फीरोजाबाद “उठो साथियो, निज धरम बिक न जाये। बहनो जगो, निज शरम बिक न जाये। यही आरजू है, मेरी कवि गणों से; कि
सबकुछ बिके, पर कलम बिक न जाये”, मुख्य अतिथि श्रुति सिंघल नेमुख्य अतिथि श्रुति सिंघल “यूं मंद मंद मुस्काती रक्षा की डोरियों से पूछ बैठी मैं, क्यों तुम नहीं बंध जाती उन बुजुर्गों की कलाइयों में, जो बेबस और लाचार हैं, वृद्ध आश्रम की कगार में” डॉ. सलोनी ने युवाओं को प्रेरित करती कविता सुनाई, गया प्रसाद मौर्या ने बेटियों को समर्पित ब्रज गीत सुनाया, डॉ अंगद सिंह धारिया “कोमल मन भावों से कोई, अब खिलवाड़ न होने दूंगा। छोटी-छोटी सी बातों को, तिल का ताड न होने दूंगा”
कार्यक्रम में गणमान्य अतिथियों में उपस्थिति रही नितिन जौहरी इंडिया राइजिंग, पंडित अपूर्व शर्मा एडवोकेट, अरविंद सिंह, मानवेन्द्र मल्होत्रा, अमरेश नाथ फ्रैंक एडवरटाइजर, ब्रजेश पंडित, मनोज शर्मा किसान पार्टी, दत्ताचार्य परिवार, आरपी सक्सैना, दिव्या पांडे, रितु गोयल, राजकुमारी पाराशर, ममता पचौरी, इंद्रा सारस्वत, अनामिका मिश्रा, संजीव वशिष्ठ, अनिल अरोरा संघर्ष, विशाल रायजादा, अमिताभ गुप्ता, यतेन्द्र सिसोदिया, लालाराम तैनगुरिया, अमित कौरा, ब्रजेश अग्रवाल, सुरेश शर्मा, प्रतिभा स्वरुप, गौरव शर्मा एवं अलका सिंह शर्मा आदि। कार्यक्रम को सफल बनाने में सहयोग दिया नटरांजलि थियेटर आर्ट्स, फ्रेंक एडवरटाइजर, इंडिया राइजिंग, क्लब कराओके, डी मीडिया फिल्म प्रोडक्शन, कैट एवं संकल्प सेवा संस्था ने।