आगरा। आगरा में पहली बार आयोजित दो दिवसीय ताज साहित्य उत्सव-2025 का भव्य शुभारंभ आज बड़े ही हर्षोल्लास और उत्साह के साथ हुआ। यह उत्सव भारतीय साहित्य, संगीत और कला के विविध रंगों को एक मंच पर लाने का अनूठा प्रयास है, जो शहर के सांस्कृतिक जीवन में एक ऐतिहासिक पहल के रूप में दर्ज हो गया है। इस उत्सव का मुख्य आकर्षण प्रसिद्ध फिल्म अभिनेता और निर्देशक डॉ. अन्नू कपूर रहे, जिन्हें जीडी गोयनका साहित्य अकादमी की ओर से प्रथम “गोयनका साहित्य अकादमी अवॉर्ड” के रूप में 1 लाख रुपये का चेक प्रदान किया गया। उनकी उपस्थिति ने उत्सव को गरिमा और प्रेरणा प्रदान की।
सत्रों की झलकियां
1. पहला सत्र: फिल्म, साहित्य और संगीत – एक दूजे के लिए
सत्र की शुरुवात मे अन्नू कपूर जी ने अपने अभिनय की जैसे ही झलक दिखाई, हाल तालियों की गड़गड़ाहट से भर गया सभी उपस्थित दर्शकों मे ऊर्जा का संचार हो गया और दर्शक जोश से भर गए , यह देख कर श्री अनुराग मुस्कान जी अन्नू कपूर जी की तारीफ मे कहा की अन्नू कपूर जी की उम्र वैसे तो सत्तर वर्ष हो गई है लेकिन जोश और ऊर्जा सात वर्ष के बच्चे जैसी है। डॉ हरिओम जी ने अपनी गजल और कविताओ से दर्शकों का ही मन नहीं मोहा बल्कि अन्नू कपूर जी को प्रभावित किया । अन्नू कपूर जी ने बच्चों से कहा कि पढ़ाई से समझौता किए बिना भी अपने पैशन को पूरा किया जा सकता है। डॉ हरिओम और अनुराग मुस्कान से इस बात का उदारहण है । माँ के बारे मे बात करते हुए अन्नू कपूर जी भावुक हो गए और उन्होंने सभी माँओ के लिए आदर व्यकत किया । पवन आगरी जी और पंकज शर्मा जी ने अपने विचारों और प्रस्तुतियों से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।
2. दूसरा सत्र: गीत-ग़ज़ल कारवां
इस सत्र ने श्रोताओं को साहित्यिक और संगीत की एक मधुर यात्रा पर ले गया। सपना मूलचंदानी, मालविका हरिओम, राजीव राज, सिया सचदेव, बलराम श्रीवास्तव और मदन मोहन समर जैसे प्रतिष्ठित कवियों और गीतकारों की प्रस्तुतियों ने माहौल को सरस और संगीतमय बना दिया। श्री राजीव राज जी ने कार्यक्रम के मेजबान जीडी गोएनका स्कूल और संरक्षक मण्डल के लोगों का धन्यवाद दिया जिनकी वजह से ऐसे इस उत्सव मे शामिल महान हस्तियों से रूबरू होने का अवसर मिला ।
3. तीसरा सत्र: काव्य अर्चना – स्त्री मन की
यह सत्र महिलाओं के विचारों, भावनाओं और संवेदनाओं को खूबसूरती से पेश करने वाला रहा। उर्वशी अग्रवाल, माला कपूर, दीप सैनी, सोनिया रूह, अविनाश जोशी, सिखा सिंह उर्जिता और इति शिवहरे ने अपनी कविताओं और शायरी के माध्यम से स्त्री के मनोभावों को गहराई से व्यक्त किया।
ये प्रेस विज्ञप्ति लिखे जाने तक ऊपर दिए गए तीन सत्र हो चुके थे और चतुर्थ सत्र अभी होना बाकी है जो रात 8 बजे तक सम्पन्न होने की संभावना है । इन दोनों सत्रों की प्रेस विज्ञप्ति 9 बजे तक भेजने की पूरी कोशिश की जाएगी
आगामी सत्र का नाम इस प्रकार है –
चौथा सत्र: हंसना जरूरी है
आयोजन की टीम इस ऐतिहासिक कार्यक्रम के चीफ पेट्रन संजय अग्रवाल (प्रो वाइस चेयरमैन, जीडी गोयनका स्कूल, आगरा) रहे। कार्यक्रम को सफल बनाने में संयोजक पवन आगरी, समन्वयक श्री पुनीत वशिष्ठ, और सलाहकार पंकज शर्मा एवं गजेंद्र सिंह का विशेष योगदान रहा।
सम्माननीय मार्गदर्शक और संरक्षक कार्यक्रम को अपनी ऊंचाइयों तक पहुंचाने में नारायण दास अग्रवाल, सोम ठाकुर और कांता प्रसाद अग्रवाल जैसे मार्गदर्शकों का मार्गदर्शन प्राप्त हुआ। संरक्षक के रूप में जितेंद्र चौहान, पूरन डावर, स्क्वाड्रन लीडर ए.के. सिंह, सुरेश चंद गर्ग, संतोष शर्मा और कुलदीप ठाकुर ने अपना समर्थन प्रदान किया। ताज साहित्य उत्सव ने साहित्य, कला और संगीत के क्षेत्र में नई पहचान बनाई है। यह आयोजन आगरा के सांस्कृतिक जीवन में एक मील का पत्थर साबित हुआ है और आने वाले वर्षों में इससे और भी ऊंचाइयों की उम्मीद की जा सकती है।