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नगर पंचायत अध्यक्ष विवेकानंद देंगे इस्तीफा?राजनीतिक परिस्थितियों नें बनाई संभावना!


संवाद/ विनोद मिश्रा


बांदा। बबेरू नगर पंचायत अध्यक्ष विवेकानंद गुप्ता अपने पद से इस्तीफा देंगे? उन्होंने बीते कल शनिवार को पूरे “राजनीतिक ताम -झाम के साथ इस पद की शपद” ली थी। विवेकानंद इस्तीफा देंगे “यह हम नहीं कह रहे” बल्कि राजनीतिक परिस्थितियां कह रहीं हैं। उनकी पार्टी “भाजपा में एक पद एक उत्तर दायित्व का संविधान” है।”विषम परिस्थितियों” में ही कोई “वैकल्पिक तौर पर दो संवैधानिक पदों का उत्तरदायित्य संभाल” सकता है!


पूरा माजरा समझिये। भाजपा में संगठनात्मक चुनाव हो रहे हैं।विवेकानंद गुप्ता नें नगर पंचायत अध्यक्ष का चुनाव जीतने के साथ ही पार्टी के “जिलाध्यक्ष पद के लियें नामांकन” प्रक्रिया से गुजर कर “दावेदारी ठोंक” रखी हैं। उनके “इस दांव से भाजपा में जिलास्तर पर आश्चर्य भरा गहन मनन मंथन” है। दरअसल भाजपा में जिलाध्यक्ष पद सत्ता रूढ़ दल होने के कारण “राजनितक रुतबे वाला अति प्रभावशाली” माना जाता है। इसके साथ ही “श्री लक्ष्मी जी सदा सहाय छप्पर भाड़ कर देने वाली स्थिति में मेहरबां” रहती हैं! ऐसे में “विवेकानंद भी इस पद के आकर्षण से अपने को रोक” नहीं पाये। दावेदारी ठोंक दीं।


वैसे भाजपा जिलाध्यक्ष पद के लियें 94 उम्मीदवार हैं। फिर भी यदि विवेकानंद के नाम पर पार्टी अध्यक्ष पद के लियें मुहर लग जाती है तो “पार्टी संविधान की गाईड लाईन”के अनुपालन में “एक पद एक सिद्धांत” लागू हो सकता है। ऐसी राजनीतिक परिस्थिति में उन्हें “बबेरू नगर पंचायत अध्यक्ष पद से त्याग पत्र” देना पड़ सकता है?नगर पंचायत अध्यक्ष पद पर पुनः चुनाव की स्थिति आ जायेगी! हालांकि भाजपा का यहां जिलाध्यक्ष कौन होगा? इसका खुलासा 20 जनवरी के पहले हो जानें की प्रबल संभावना है। प्रदेश संगठन स्तर पर निर्णय के लिये विचार विमर्श शुरू है। जिलाध्यक्ष पद पर चयन की घोषणा के साथ “विवेकानंद की राजनीतिक स्थिति के संशय का पटाक्षेप”भी हो जायेगा।