उत्तर प्रदेशजीवन शैली

ताज साहित्य उत्सव तीसरा सत्र गुलिस्तां सर्वभाषा: भाषा की विविधता का उत्सव

आगरा। सत्र की शुरुवात रुचि चतुर्वेदी  ने ब्रज भाषा मे भक्ति मे सराबोर अपनी कविता से की , ममता सिकरवार ने बुंदेलखंड की भाषा मे वह की मिट्टी और जीवन से से जुड़ा एक गीत प्रस्तुत किया जिसे वह मौजूद हर किसी ने अपने जीवन से जुड़ा हुआ पाया । सभी कवियों ने भाषाओं की समृद्धि और विविधता को खूबसूरती से प्रस्तुत किया। बलजीत कौर, प्रसिद्ध अभिनेत्री, ने पंजाबी कुछ पंक्तियाँ प्रस्तुत की जिससे दर्शक भावविभोर हो गए उन्होंने कहा की वो अमिताभ बच्चन की ऊर्जावान व्यक्तित्व से बहुत प्रभावित है।

सपना सोनी जी ने राजस्थानी भाषा मे राजस्थान की विशेषताए गीत के रूप मे प्रस्तुत की, चांदनी पांडे जी ने प्रेम से जुड़ी कविता प्रस्तुत की जिसे श्रोताओ ने बहुत सराहा। सरला मिश्रा ने हिन्दी मे एक भावनात्मक कविता प्रस्तुत कर सबको भाव विभोर कर दिया। इस सत्र ने भारत की सांस्कृतिक विविधता और भाषाई एकता को खूबसूरती से उजागर किया। मंच का संचालन श्री पंकज शर्मा जी ने किया ।

किताबें बोलती हैं: साहित्य का महत्व
सत्र में डॉ. राजश्री सिंह (आईपीएस), पूर्व आईएएस अधिकारी  प्रदीप भटनागर, डॉ. संगीता भटनागर, और  रामेन्द्र मोहन त्रिपाठी ने हिस्सा लिया। मंच संचालन श्री पीयूष पांडे ने किया। डॉ. राजश्री सिंह ने पुलिस विभाग की चुनौतियों पर बात करते हुए कहा कि पुलिस का काम कठिन है, जहां कभी प्रशंसा मिलती है, तो कभी सही कार्य पर भी आलोचना झेलनी पड़ती है, लेकिन पुलिस अपनी जिम्मेदारी के प्रति तत्पर रहती है। डॉ. संगीता भटनागर ने विलुप्त पाक कलाओं और मथुरा की सांस्कृतिक विरासत पर लिखी अपनी पुस्तकों का उल्लेख किया, जो नई पीढ़ी को पुरानी परंपराओं से परिचित कराती हैं।

रामेन्द्र मोहन त्रिपाठी ने जीवन से जुड़ी गहरी बातों को कविता के माध्यम से प्रस्तुत किया। प्रदीप भटनागर ने अपने प्रशासनिक कार्यकाल के महत्वपूर्ण अनुभव साझा किए।