संवाद/ विनोद मिश्रा
बांदा। जिले में लहलहा रही सरसों व राई की फसलों पर माहू कीटों नें जमकर हमला बोल दिया है। कृषि मंत्रालय नें माहू से होने वाले नुकसान की रिपोर्ट भी कृषि विभाग से मांगी है। चिंतनीय स्थिति यह है की यहां का कृषि विभाग नुकसान का आंकलन करने में बिल्कुल चुप्पी साधे है! किसानों की बर्बादी की उसे चिंता नहीं है।
जिले में सरसों की खेती बहुतायत क्षेत्र में होती है। वर्तमान में यह फसले परिपक्व हो रही हैं,वहीं इन फसलों पर दिसंबर माह से ही माहू नें हमला कर अपनी चपेट में ले लिया।
इस रोग के कीट पौधे का फुल ,तना,पत्ती आदि का रस चूस कर किसानों का सकून छीन लिया है। किसान सरसों की बर्बादी एवं कृषि विभाग के नकारेपन से परेशान है। उसकी व्यवसायिक फसल की बर्बादी आर्थिक रीढ़ के पैबंद को औऱ अधिक चोटहिल कर देगी।जिला कृषि अधिकारी कहते हैं की माहू कीट से सरसों को बचाने के निर्देश हैं। इससे सरसों की फसल पचास प्रतिशत के नुकसान के दायरे में हैं।