संवाद/ विनोद मिश्रा
बांदा। जिले में नौकरशाही बेलगाम सी होती जा रही है। जन प्रतिनिधियों की अवहेलना होने लगे तो यही माना जायेगा की अंकुश विहीनता का आलम है।ताजा उदाहरण चौंकाने वाला है। जिले के एमएलसी बाबूलाल तिवारी को ऐसी ही अनदेखी का सामना करना पड़ा है।उन्होंने अपने गांव में तालाब और सड़क निर्माण स्वीकृत कराया था। पर अधिकारियों नें उनसे बिना संपर्क किये बिना कार्य पूर्ति कर दी। उन्हें जानकारी हीं नहीं दी गई।अब एमएलसी नें संबंधित अधिकारियों की जमकर क्लास ली है।
झांसी-इलाहाबाद शिक्षक खंड से भाजपा के एमएलसी डॉ. बाबूलाल तिवारी नरैनी क्षेत्र के जरर गांव के निवासी हैं। उन्होंने अपने पैतृक गांव में तालाब और संपर्क मार्ग निर्माण के लिये मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ से गुजारिश की थी।दोनों कार्य स्वीकृत हो गए। तालाब खुदाई का काम लघु सिंचाई विभाग और सड़क निर्माण का जिम्मा पीडब्लूडी (सीडी) को मिला। सड़क बनकर तैयार हो गई और तालाब की खुदाई का काम भी काफी हद तक पूरा हो गया। दोनों विभागों ने एमएलसी को कोई जानकारी नहीं दी।
एमएलसी ज्यादातर झांसी रहते हैं। वह बांदा आए तो स्थिति देख दंग रह गये। उन्होंने दोनों विभागों के अधिशासी अभियंताओं को बुलाकर जमकर फटकारा। कहा कि मुख्यमंत्री के आदेश हैं कि शिलान्यास या उद्घाटन आदि जनप्रतिनिधियों से कराया जाए। पर आप अफसरों ने मेरे पैतृक गांव में ही मनमानी की। शिलान्यास तक मुझसे नहीं करवाया।एमएलसी की नाराजगी देख अधिकारियों के होश फाख्ता हो गये। अधिशासी अभियंता प्रेमनारायण ने विधायक से खेद जताया। कहा कि भविष्य में ऐसा नहीं होगा।हम लोगों से भूल हो गई। हमें माफी दे दीजिये।