उत्तर प्रदेश

बॉलीवुड अभिनेत्री ममता कुलकर्णी किन्नर अखाड़े की महामंडलेश्वर बनेंगी

प्रयागराज। बॉलीवुड अभिनेत्री ममता कुलकर्णी ने अभिनय छोड़ कर  संन्यास का रास्ता चुन लिया है।

जानकारी के अनुसार, बॉलीवुड एक्ट्रेस ने किन्नर अखाड़े में शामिल होकर संन्यास ले लिया है और वे किन्नर अखाड़े की महामंडलेश्वर बनने जा रही हैं। एक्ट्रेस ने अपना पिंडदान कर दिया है। उन्हें महामंडलेश्वर की उपाधि दी गई है, जिसके बाद वह पूरी तरह महामंडलेश्वर बन गईं। दीक्षा के बाद ममता का नया नाम श्री यामाई ममता नंद गिरि रखा गया है। यह दीक्षा किन्नर अखाड़े की अध्यक्ष लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी ने दी है।

जानिए क्या होती है महामंडलेश्वर बनने की प्रक्रिया
महामंडलेश्वर बनने के लिए बहुत कठिन तपस्या करनी पड़ती है। सबसे पहले किसी गुरु के साथ जुड़कर साधना और आध्यात्मिक शिक्षा लेनी होती है। इस दौरान परिवार, धन और सारी दुनियादारी को छोड़ना पड़ता है। गुरु की देखरेख में भंडारे और सेवा के काम करने होते हैं। कई सालों की तपस्या और मेहनत के बाद, जब गुरु को लगता है कि शिष्य पूरी तरह तैयार है, तभी उसे महामंडलेश्वर की उपाधि दी जाती है।

दीक्षा से पहले होती है पूरी जांच
महामंडलेश्वर बनने के लिए आवेदन करने वाले की पूरी जांच की जाती है। अखाड़ा परिषद यह सुनिश्चित करती है कि आवेदक का बैकग्राउंड साफ हो। इसके लिए उसके परिवार, गांव और यहां तक कि पुलिस रिकॉर्ड की भी जांच होती है। अगर किसी तरह की गड़बड़ी मिलती है, तो उसे दीक्षा नहीं दी जाती है।

दीक्षा की पूरी प्रक्रिया
महामंडलेश्वर बनने के लिए दीक्षा की प्रक्रिया में कई स्टेप्स होते हैं। इसमें सबसे पहले अखाड़े को आवेदन दिया जाता है। इसके बाद दीक्षा देकर संत बनाया जाता है। फिर नदी किनारे मुंडन और स्नान के बाद परिवार और खुद का पिंडदान करवाया जाता है। उसके बाद हवन के बाद गुरु दीक्षा देते हैं और आवेदक की चोटी काट दी जाती है। इसके बाद पंचामृत से अभिषेक कर अखाड़े की ओर से चादर भेंट की जाती है। दीक्षा के बाद संत को अपना आश्रम बनाना होता है और जनहित के काम करने होते हैं।