संवाद/ विनोद मिश्रा
बांदा। राज्य विद्युत परिषद जूनियर इंजीनियर संगठन ने विद्युत विभाग के निजीकरण के खिलाफ बड़ा विरोध प्रदर्शन किया। केंद्रीय नेतृत्व के आह्वान पर अभियंताओं ने मुख्य अभियंता कार्यालय प्रांगण में एकत्र होकर अपनी असहमति प्रकट की। इस दौरान सभी अभियंताओं ने काली पट्टी बांधकर कार्य किया और निजीकरण के खिलाफ आवाज बुलंद की। सभा की अध्यक्षता जनपद के वरिष्ठ अभियंता वी.के. पांडे ने की, जबकि संचालन जनपद सचिव ख्वाजाउद्दीन ने किया। सभा में उपस्थित अभियंताओं ने एक सुर में विद्युत विभाग के निजीकरण को न केवल कर्मचारियों बल्कि आम जनता के लिए भी हानिकारक बताया।
सभा में मौजूद अभियंताओं ने कहा कि सरकार का यह कदम सीधे तौर पर उपभोक्ताओं के हितों के खिलाफ है। निजीकरण से जहां बिजली की दरें बढ़ेंगी, वहीं कर्मचारियों के हितों को भी गंभीर चोट पहुंचेगी। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार द्वारा निजीकरण की प्रक्रिया विभाग की स्थिरता को खतरे में डाल रही है और इसका असर ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली आपूर्ति पर भी पड़ेगा।
सभा में निर्णय लिया गया कि यदि सरकार ने निजीकरण प्रक्रिया को रोका नहीं तो यह आंदोलन और तेज किया जाएगा।
अभियंताओं ने सरकार से यह अपील की कि वे जनता और कर्मचारियों के हितों को ध्यान में रखते हुए इस निर्णय पर पुनर्विचार करें। विरोध प्रदर्शन में जिले के प्रमुख अभियंता कांता प्रसाद, रविंद्र कुमार, प्रवीण कुमार, आसाराम, गया प्रसाद, सविंद्र पटेल, शैलेंद्र कुमार, और अजय कनौजिया समेत दर्जनों अभियंता शामिल हुए।