उत्तर प्रदेश

विपक्षी सदस्यों को निलंबित कर वक़्फ़ पर सरकार के अनुरूप रिपोर्ट देना चाहते हैं जगदंबिका पाल- शाहनवाज़ आलम

प्रभावित समाज इस तरह तैयार रिपोर्ट को स्वीकार नहीं करेगा

जांच हो- जेपीसी चेयरमैन को किसने फोन कर विपक्षी सांसदों को निलंबित करने का निर्देश दिया

नई दिल्ली। कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने वक़्फ़ संशोधन बिल पर गठित जेपीसी के विपक्षी सदस्यों को निलंबित किये जाने की निंदा करते हुए इसे सरकार के अलोकतांत्रिक कार्यशैली का उदाहरण बताया है.

शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि विपक्षी सदस्यों को निलंबित करने के बाद अगर जेपीसी वक़्फ़ संशोधन बिल पर अपनी रिपोर्ट रखता है तो उसे कमेटी की रिपोर्ट के बजाए सत्ता पक्ष की रिपोर्ट मानी जाएगी. इसे इससे प्रभावित होने वाले समाज कभी भी स्वीकार नहीं करेंगे.

उन्होंने कहा कि दो दिन पहले ही विपक्षी सदस्यों की तरफ से लोकसभा के स्पीकर को लिखे पत्र में सदस्यों ने शिकायत की थी कि जेपीसी चेयरमैन लोकतांत्रिक तरीके से काम नहीं कर रहे हैं. यहाँ तक कि कर्नाटक की कांग्रेस सरकार और कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लीकार्जुन खर्गे जी के खिलाफ़ भाजपा के सदस्य व्यक्तिगत टिप्पणी भी कर रहे थे. जो साबित करता है कि जेपीसी में भाजपा सदस्य अपने दिये गए काम के अलावा सब कुछ कर रहे थे. इन्हीं मुद्दों को उठाने के कारण जेपीसी चेयरमैन ने भाजपा सदस्यों के साथ मिलकर विपक्षी सदस्यों को निलंबित कर दिया.

शाहनवाज़ आलम ने कहा कि विपक्षी सांसदों का यह आरोप बहुत गंभीर है कि जेपीसी चेयरमैन जगदंबिका पाल को किसी ने फोन किया और फोन पर निर्देश प्राप्त करने के बाद ही आश्चर्यजनक तरीके से अचानक विपक्षी सदस्यों को उन्होंने निलंबित कर दिया. उन्होंने कहा कि इस बात की जांच होनी चाहिए कि जेपीसी चेयरमैन को किसने फोन करके विपक्षी सदस्यों को निलंबित करने का आदेश दिया क्योंकि अगर जेपीसी के चेयरमैन ही किसी और के कहने पर काम कर रहे हैं तो फिर जेपीसी गठन का औचित्य ही खत्म हो जाता है.