उत्तर प्रदेश

कायाकल्प की टीम ने परखी स्वास्थ्य सुविधाओं की गुणवत्ता

  • टीम ने आयुष्मान आरोग्य मंदिर (यूपीएचसी) लोहामंडी द्वितीय और जीवनीमंडी पर दी जा रही स्वास्थ्य सुविधाओं का किया मूल्यांकन
  • एक्सटर्नल एसेसमेंट में टीम ने स्वच्छता, कचरा प्रबंधन, संक्रमण नियंत्रण के मानकों को परखा

आगरा, जनपद में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत चलाए जा रहे कायाकल्प कार्यक्रम के तहत कायाकल्प की टीम ने आयुष्मान आरोग्य मंदिर (यूपीएचसी) लोहामंडी द्वितीय और जीवनीमंडी पर दी जा रही स्वास्थ्य सुविधाओं का एक्सटर्नल एसेसमेंट (बाहरी मूल्यांकन) किया।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. अरुण श्रीवास्तव ने बताया कि जनवरी माह में आयुष्मान आरोग्य मंदिर (यूपीएचसी) हरीपर्वत वेस्ट, लोहामंडी द्वितीय और जीवनीमंडी का कायाकल्प कार्यक्रम के तहत आयुष्मान आरोग्य मंदिर (यूपीएचसी) का एक्सटर्नल एसेसमेंट (बाहरी मूल्यांकन) किया। सीएमओ ने बताया कि आयुष्मान आरोग्य मंदिर का नामांकन आंतरिक, सहकर्मी एवं बाहरी मूल्यांकन के अंतर्गत तीन चरणों में किया जाता है। इन चरणों के माध्यम से सभी बिन्दुओं जैसे- स्वास्थ्य सुविधाओं, स्वच्छता, कचरा प्रबंधन, संक्रमण नियंत्रण, समर्थन तथा स्वच्छता को बढ़ावा देना, मरीजों के साथ स्टाफ का सकारात्मक व्यवहार आदि पर स्वास्थ्य केंद्र का मूल्यांकन किया जाता है। इसमें आंतरिक मूल्यांकन का निरीक्षण स्थानीय टीम द्वारा तथा वाह्य मूल्यांकन का निरीक्षण राज्य स्तरीय टीम द्वारा किया जाता है।

लोहामंडी द्वितीय शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डॉ. सुमन श्रीवास्तव ने बताया कि कायाकल्प एक्सटर्नल असेसमेंट टीम के डॉ. रबीश कुमार सिंह और फरहाना नाज के द्वारा स्वास्थ्य केंद्र पर दी जा रही स्वास्थ्य सुविधाओं का मूल्यांकन किया गया। टीम द्वारा बायो मेडिकल वेस्ट का भी मूल्यांकन किया गया और पूरे आयुष्मान आरोग्य मंदिर परिसर की स्वच्छता का मूल्यांकन किया। टीम ने चिकित्सकों से एंटीबायोटिक पॉलिसी और उच्च जोखिम वाली गर्भवतियों के बारे में जानकारी ली। फार्मेसी के प्रिंसिपल और दवाओं के रखरखाव व डबल लॉक के बारे में जानकारी ली साथ ही जन आरोग्य समिति से संबंधित चर्चा की और जानकारी प्राप्त की। उन्होंने बताया कि पुरस्कार प्राप्त होने पर स्टाफ का उत्साह वर्धन होता हैं साथ ही मनोबल भी बढ़ता है।

आयुष्मान आरोग्य मंदिर जीवनीमंडी की प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डॉ. मेघना शर्मा ने बताया कि कायाकल्प एक्सटर्नल असेसमेंट के दौरान टीम ने बायोमेडिकल वेस्ट के पृथक्कीकरण और मेडिसिन के बारे में जानकारी ली। टीम ने लैब व स्टरलाइजेशन, प्रसव कक्ष, न्यू बॉर्न कॉर्नर, स्तनपान कॉर्नर, भंडारण कक्ष का भी अवलोकन किया। परिसर में ईकोफ्रेंडली एरिया के बारे में भी जानकारी ली। प्रसव कक्ष में नर्सिंग स्टाफ से उपयोग होने वाली किट व इंफेक्शन कंट्रोल के बारे में जानकारी ली। आयुष्मान आरोग्य मंदिर पर गठित विभिन्न कमेटियों और प्रोटोकॉल के बारे में भी टीम ने जानकारी ली। टीम द्वारा सभी दस्तावेजों का मूल्यांकन किया। टीम के द्वारा दी आयुष्मान आरोग्य मंदिर पर दी जा रही स्वास्थ्य सुविधाओं का अवलोकन किया और मरीजों से बातचीत करके फीडबैक भी लिया। उन्होंने बताया कि एक्सटर्नल एसेसमेंट के दौरान टीम ने स्वास्थ्य केंद्र की स्वच्छता, कर्मचारियों के कार्यों की तथा मरीजों को मिल रही सुविधाओं की सराहना की।

कायाकल्प का महत्व
कायाकल्प प्रमाणपत्र प्राप्त करना किसी स्वास्थ्य इकाई के लिए मान्यता है कि वहां उच्च गुणवत्ता वाली सुविधाएं उपलब्ध हैं।
• बेहतर चिकित्सा सेवाएं : मरीजों को उन्नत और सुरक्षित इलाज सुनिश्चित होता है।
• स्वच्छता और संक्रमण नियंत्रण : स्वास्थ्य केंद्रों में सफाई और संक्रमण को रोकने की बेहतर व्यवस्थाएं होती हैं।
• अपशिष्ट प्रबंधन : अस्पताल के कचरे और अपशिष्ट को सुरक्षित तरीके से प्रबंधित किया जाता है।
लक्ष्य और कायाकल्प से लाभ
• इन मानकों का पालन करने वाले सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों को न केवल प्रमाणपत्र प्राप्त होगा, बल्कि यह स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार का एक नया मील का पत्थर होगा।
• मरीजों का भरोसा बढ़ेगा।
• स्वास्थ्य केंद्रों पर मरीजों की संख्या में इजाफा होगा।
• संक्रमण और अन्य स्वास्थ्य खतरों में कमी आएगी।