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पंचायत अध्यक्ष सुनील के मंसूबे ढेर : आयुक्त नें निरस्त कर दी बजट बैठक की कार्यवाई


संवाद/ विनोद मिश्रा


बांदा। जिला पंचायत के संदर्भ में बड़ी खबर सामने आई है। 25 जनवरी की बजट बैठक कार्यवाई को आयुक्त नें पंचायत अधिनियम के अनुकूल न होने से निरस्त कर दिया है। इससे जिला पंचायत अध्यक्ष सुनील पटेल के खलनायकी भरे मंसूबा ढेर हो गया! सत्य मेव जयते का नारा बुलंद हो रहा है।जिला पंचायत की 25 जनवरी को बोर्ड की बजट बैठक हुई थी। जिसमें जिला पंचायत अध्यक्ष सुनील पटेल नें सदन में भारी विरोध के बावजूद कोरम पूरा न होने पर भी वर्ष 24-25 और 25-26 के बजट को ताना शाही ढंग से सदस्यों के बहुमत से विरोध के बावजूद पास सदन से बाहर बंद आफिस में कथित तौर पर पास घोषित कर दिया था।

इसके विरोध में सदर विधायक प्रकाश दिवेदी नें जिला पंचायत सदस्यों के बड़े समूह के साथ आयुक्त अजय कुमार एवं डीएम से मिलकर बजट बैठक में पंचायती अधनियम का पालन न होने के का हवाला दिया था। बोर्ड की कार्यवाई को निरस्त करने की मांग की थी। इस पर आयुक्त की पहल पर मुख्य विकास अधिकारी से जांच कराई गई। डीएम नें जांच आख्या आयुक्त को दिया। इसमें विधायक प्रकाश एवं सदस्यों के आरोपों को सच माना गया है। इसी आधार पर 25 जनवरी को बोर्ड बैठक की कार्यवाई को निरस्त कर दिया गया है।


उल्लेखनीय है की 25 जनवरी को जिला पंचायत अध्यक्ष सुनील पटेल नें अवैधानिक तौर पर बजट पास कराने का जो भ्रष्टाचार पूर्ण अवैधानिक तरीका अपनाया, उससे संवैधानिक मर्यादायें तार -तार हो गई थीं! इस प्रकार यहां के जिला पंचायत इतिहास में उन्होंने तानाशाही का काला अध्याय जोड़ दिया। खैर ,आयुक्त को जो जांच सौंपी गई है उसमें जिला पंचायत अध्यक्ष सुनील पटेल द्वारा असंवैधानिकता की परत – दर परत खोलते हुये धज्जियां सी उड़ा दी गई हैं। आयुक्त नें प्रमुख सचिव पंचायतीराज को सारी स्थिति से अवगत कराया हैं। साथ ही पुनः बैठक की तिथि निर्धारित करने की अपेक्षा की है।इस तरह एक “तानाशाही रवैये की हार एवं सत्य मेव जयते” की सूक्ति सिद्ध हुई हैं।