उत्तर प्रदेशजीवन शैली

सरकार का सोलह करोड़ रुपया भ्रष्टाचार की जेबों में सेफ योजना हो गई ढेर


संवाद/ विनोद मिश्रा


बांदा। योगी सरकार का सोलह करोड़ रुपया पानी के नाम पर बेपानी हो गया। लेकिन नौकर शाही चैन में है। योजना में हुआ भ्रष्टाचार संबंधितों की जेबें गुद गुदा रहा है। चित्रकूट मंडल में तेजी से गिर रहे भूजल स्तर को बढ़ाने और फसलों की सिंचाई के लिए शुरू की गई “खेत-तालाब योजना परवान नहीं” चढ़ सकी। किसानों ने “योजना के तहत अनुदान तो ले लिया, लेकिन अधिकांश ने आधे-अधूरे तालाब” खोदवाए। कई किसानों ने सिर्फ “गड्ढा खोदकर खानापूरी” कर ली।


अनुदान देने वाले जिम्मेदारों नें सुविधा शुल्क की माला पहन कभी किसी गांव अथवा खेत का “निरीक्षण करने के लिए गाड़ियां नहीं दौड़ाई”। यही वजह है कि करीब 16 करोड़ खर्च करने के बाद भी न तो जलस्तर बढ़ा और न ही फसलों को सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध हुआ। हां इतना जरूर हुआ कि “सरकारी पैसा पाताल” में चला गया।चित्रकूटधाम मंडल में चालू वित्तीय वर्ष 2023-24 में खेत तालाब योजना के तहत चारों जिलों में 2581 तालाब खोदने का लक्ष्य दिया गया था। साढ़े 16 करोड़ खर्च होने के बाद भी महज 947 तालाबों में कच्चा व 610 तालाबों में पक्का काम हुआ है। हैरत की बात तो यह है कि एक हजार से अधिक ऐसे लाभार्थी हैं, जिन्होंने पूरा साल गुजर जाने के बाद भी अभी तक तालाबों का निर्माण कार्य शुरू नहीं हुआ।


खेत तालाब योजना में शासन ने चालू वित्तीय वर्ष में विभाग को 18.08 करोड़ रुपये का बजट जारी किया था। इसमें विभाग ने 16.55 लाख रुपये लाभार्थियों के खातों में डाल दिया। शेष डेढ़ करोड़ रुपये को ठिकाने लगाने के लिए विभागीय अधिकारी लाभार्थियों से साठगांठ करने में लगे हुए है। बताते है कि पिछले 15 दिनों में विभाग ने बिना किसी जांच पड़ताल के एक करोड़ से अधिक रुपये लाभार्थियों के खाते में डाल दिए।