उत्तर प्रदेश

शिक्षा की दृष्टि से बजट को बताया अद्वितीयशोध एवं नवाचार के लिए और अधिक धनराशि की आवश्यकता

आगरा। ईएमडी की एक बैठक अध्यक्ष प्रो एसके खंडेलवाल की अध्यक्षता में बल्केश्वर में आहूत की गई, जिसमें संस्था संरक्षक एवं आगरा विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रो जीसी सक्सेना ने केंद्र सरकार द्वारा सत्र 2025-26 के बजट में शिक्षा के लिए किए गए बजटीय प्रावधान की सराहना की।
उन्होंने कहा कि इस बार के बजट में शिक्षा पर पिछले बजट की तुलना में 6.65% अधिक धनराशि का प्रावधान कर सरकार ने शिक्षा के प्रति अपनी प्रतिबद्धता प्रदर्शित की है।
दीनदयाल शोध संस्थान, आगरा विश्वविद्यालय के पूर्व निदेशक प्रो वेद त्रिपाठी ने बजट को अभूतपूर्व बताया और कहा कि मेडिकल एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में नवीन एवं प्रचुर मानव संसाधन की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए विविध क्षेत्रों में सीटों की वृद्धि करने से यह मांग पूरी हो सकेगी। शिक्षा की गुणवत्ता पर विशेष जोर दिया गया है जो कि एक स्वागत योग्य कदम है।


मेरठ कॉलेज, मेरठ के प्राचार्य प्रो मनोज रावत ने बजट में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के लिए 500 करोड़ के प्रावधान को कम बताते हुए कहा कि इसमें शोध एवं नवाचार के लिए और अधिक धनराशि का प्रावधान करने की आवश्यकता है।
अध्यक्ष प्रो एसके खंडेलवाल ने बजट को अद्वितीय बताते हुए शिक्षा के चतुर्मुखी विकास के लिए और अधिक धनराशि की आवश्यकता पर जोर दिया।
डा अशोक अग्रवाल, प्रो एससी गोयल, प्रो रामवीर सिंह, प्रो केडी मिश्रा, डा संध्या अग्रवाल ने भी बजट पर अपने विचार रखे।
संचालन सचिव प्रो अमित अग्रवाल ने किया।
इस दौरान प्रो मनोज कुमार रावत के मेरठ कॉलेज, मेरठ के प्राचार्य बनने पर संस्था द्वारा उनका माल्यार्पण कर अभिनंदन किया गया।