संवाद/ विनोद मिश्रा
बांदा। जिले में आधार कार्ड बनाने की व्यवस्थाएं “चरमराई” हुई हैं। शासन की ओर से सभी बैंकों और डाकघरों को आधार कार्ड बनाने के निर्देश दिए गए हैं, लेकिन हकीकत में स्थिति कुछ और ही है। अधिकांश बैंकों में आधार कार्ड बनाने की सुविधा उपलब्ध नहीं है, जिससे लोगों को दिनभर चक्कर काटने पड़ रहे हैं। प्रधान डाकघर में केवल दो काउंटर हैं, जहां रोजाना 100 से 120 आधार कार्ड ही बनाए जा रहे हैं। जबकि हर दिन 200 से अधिक लोग “दूर-दराज” से आधार कार्ड बनवाने आते हैं।

आधार कार्ड बनवाने आए लोगों का कहना है कि राशन कार्ड, फार्मर रजिस्ट्री और अन्य योजनाओं के लिए आधार कार्ड अनिवार्य है, जिससे उन्हें जल्दबाजी है। जिले में आधार कार्ड बनवाने की व्यवस्थाएं सही न होने के कारण छात्र-छात्राओं और अन्य लोगों को हफ्तों भटकना पड़ रहा है।शासन ने डाकघरों के साथ-साथ बैंकों और कॉमन सर्विस सेंटर्स को भी आधार कार्ड बनाने की जिम्मेदारी दी है। फिर भी, एसबीआई, बैंक ऑफ बड़ौदा, आर्यावर्त बैंक, यूनियन बैंक जैसे बैंकों में आधार काउंटर नहीं खुले हैं। तहसीलों और ब्लॉकों में भी आधार कार्ड बनवाने की सुविधा उपलब्ध कराई गई है, लेकिन यहां भी काउंटर बंद हैं या मशीनें खराब हैं।
शहर में प्रधान डाकघर, उप डाकघर कचहरी और डिग्गी चौराहे पर ही आधार कार्ड बनाए जा रहे हैं, जहां भारी भीड़ देखने को मिल रही है। प्रधान डाकघर में केवल दो काउंटर होने के कारण लोगों को लंबी कतारों में खड़ा रहना पड़ता है। शनिवार को प्रधान डाकघर में कई लोग आधार कार्ड बनवाने के लिए परेशान नजर आए।