उत्तर प्रदेश

उ.प्र. में अतिशीघ्र एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट लागू हो

आगरा। उ.प्र. में अतिशीघ्र एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट लागू करने के संबंध में वरिष्ठ अधिवक्ता श्रीमती सरोज यादव के नेतृत्व में ताजनगरी के अधिवक्ताओं ने मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश के नाम ज्ञापन दिया। ज्ञापन पत्र ने निम्नलिखित तथ्यों को दर्शाया गया है। 

  1. यह कि उत्तर प्रदेश के लाखों अधिवक्ता आज स्वयं को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं।

2 यह कि प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों में बीते कुछ वर्षों से लगातार जानलेवा हमले अधिवक्ताओं के ऊपर हो रहे हैं।

3 यह कि टारगेट किये गये तमाम हमलों में बहुत से वकीलों की जान जा चुकी है और वकीलों की हत्याओं और जान लेवा हमले रुक नहीं रहे हैं। जो कि कानून के शासन के लिये एक गम्भीर चुनौती है।

  1. यह कि अधिवक्ता एक पक्ष को न्याय दिलाने हेतु कानूनी लड़ाई लड़ता है वह न्यायिक प्रक्रिया का अभिन्न अंग है वकील के बिना न्याय की कल्पना नहीं की जा सकती है। वकील को कोर्ट ऑफ द आफीसर कहा जाता है।
  2. यह कि वकील मुकदमें में अपने पक्ष की पैरवी करता है ऐसे में दूसरे पक्ष से वैमनस्यता रंजसीय हालत होना स्वाभाविक सा हो जाता है इसलिए अधिवक्ता और उसके परिवार की जानमाल की सुरक्षा करना प्रदेश सरकार की आवश्यक जिम्मेदारी है और प्रदेश सरकार अपनी जिम्मेदारी से पीछे नहीं हट सकती है।

6 .यह कि उपरोक्त स्थितियों परिथितियों में अति आवश्यक हो जाता है वि अधिवक्ता को प्रदेश में संरक्षण प्रदान किया जाये और इसके लिये प्रदेश में एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट को अति शीघ्र लागू किया जाये।

हापुड़ में पुलिस द्वारा वकीलों पर बर्बर लाठी चार्ज किया गया था जिसके बाद पूरे प्रदेश में ही नहीं बल्कि देशभर के वकीलों ने सड़कों पर उतरकर आंदोलन किया था। प्रदेश शासन की ओर से तब एडयोकेट प्रोटेक्शन एक्ट को लागू करने का भरोसा दिलाकर वकीलों के आंदोलन को वापिस करवा दिया था। लेकिन उसके बाद आज तक सरकार ने एक्ट लागू करने को लेकर कतई गम्भीरता नहीं दिखाई इसलिए हम अधिवक्ता आपसे पुरजोर मांग करते हैं कि एडवाकेटे प्रोटेक्शन एक्ट को अति शीघ्र लागू किया जाये अन्यथा प्रदेश के वकील आंदोलन की राह पर लगातार चलते रहने को मजबूर होंगे। जिसकी पूरी जिम्मेदारी प्रदेश सरकार की होगी।