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जन औषधि योजना से दवाएं मिलेंगी सस्ती…आधी आबादी को एक रुपये में सेनेटरी पैड की सुविधा

आयुष्मान भारत योजना के बाद जन औषधि योजना सबसे बड़ा स्वास्थ्य सेवा कार्यक्रम : बघेल

आगरा। सातवें जन औषधि दिवस पर जिला चिकित्सालय और मानसिक स्वास्थ्य संस्थान एवं चिकित्सालय में शुक्रवार को जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। जिला चिकित्सालय के सभागार में मुख्य अतिथि राज्य मंत्री, होमगार्ड्स एवं नागरिक सुरक्षा धर्मवीर प्रजापति की अध्यक्षता में जन औषधि दिवस पर गोष्ठी हुई। इसमें मंत्री धर्मवीर प्रजापति ने कहा कि जनऔषधि केंद्रों के माध्यम से आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को सस्ती एवं उत्तम जेनरिक दवाओं का वितरण किया जा रहा है जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संकल्पों में से एक प्रमुख संकल्प है।

आयुष्मान गोल्डन कार्ड से प्रति वर्ष पांच लाख तक का निशुल्क उपचार किया जा रहा है। इससे गरीब जनता गरीबी के दुश्चक्र में फंसने से बच रही है। मंत्री ने जिला चिकित्सालय में संचालित जन औषधि केंद्र का निरीक्षण किया तथा दवाओं की उपलब्धता के विषय में जानकारी ली। कार्यक्रम में जिला चिकित्सालय के प्रमुख अधीक्षक डॉ.राजेंद्र अरोड़ा, अधीक्षक डॉ. सीपी वर्मा, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. अरुण श्रीवास्तव, अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. संजीव वर्मन उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन श्री पंकज जायसवाल मीडिया प्रभारी द्वारा किया गया।

सरकार की तीन योजनाएं हमेशा याद की जाएगी
-मानसिक स्वास्थ्य संस्थान के सभागार में प्रोफेसर एसपी सिंह बघेल केंद्रीय राज्य मंत्री, मत्स्य, पशुपालन, डेयरी एवं पंचायती राज के मुख्य आतिथ्य व पुरषोत्तम खंडेलवाल विधायक आगरा उत्तरी के विशिष्ट आतिथ्य में गोष्ठी हुई। केन्द्रीय राज्य मंत्री ने कहा कि यदि आजादी के बाद स्वतंत्र भारत की तीन प्रमुख योजनाओ का नाम लिया जाए तो क्रमश: प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत योजना, जन औषधि योजना तथा अराजपत्रित नौकरियों में बिना साक्षात्कार के भर्ती होंगी।

इन योजनाओं से गरीब एवं वंचित जनता को सीधा लाभ प्राप्त हुआ है। जन औषधि केंद्रों के माध्यम से दो हजार से भी अधिक जेनरिक दवाएं व 300 सर्जिकल उत्पाद का वितरण 50 से 90 प्रतिशत कम दाम पर किया जा रहा है। प्रारंभ में केवल 190 जन औषधि केंद्र थे, वर्तमान में 15 हजार जन औषधि केंद्र संचालित है जहां वर्ष 2014 में जन औषधि केन्द्रों के माध्यम से 3 करोड़ की दवाएं बेचीं गयी थी वही वर्ष 2025 में अब तक 1470 करोड़ रूपये की दवाएं बेचीं गयी यह 500 गुना की वृधि अपार जन विशवास को दर्शाता है। महिलाओं में होने वाली बीमारियों में अस्वच्छता प्रमुख है।

जनऔषधि केन्द्रों के माध्यम से केवल एक रूपये में सेनेटरी पैड बेचे जा रहे हैं। अब तक लगभग तीन करोड़ सैनेटरी पैड जन औषधि केन्द्रों के माध्यम से बेचे गये है। मंत्री ने व्यक्तिगत इच्छा व्यक्त की है कि महिलाओं के स्वास्थ्य की द्रष्टि से सैनेटरी पैड का वितरण राशन की दुकानों से राशन के साथ नि: शुल्क किया जाना चाहिए। पशुओं की दवाओं के वितरण के लिए भी जन औषधि केन्द्रों की तरह भी केंद्र खोले जाने चाहिए।

वर्त्तमान में अधिसंख्य आबादी मानसिक दबाब और मानसिक तनाव की यंत्रणा से गुजर रही है मन: रोगियों की चौबीस घंटे काउंसिलिंग मनस चेतना हेल्प लाइन नं – 14416 के द्वारा की जा रही है मन: रोगियों को घर से लाने के लिए एक एम्बुलेंस का उद्घाटन माननीय मंत्री जी द्वारा किया गया, इस अवसर पर माननीय मंत्री जी द्वारा दो सोलर लाइट तथा एक वाटर ए.टी.एम. देने की घोषणा की गयी। कार्यक्रम के अंत में संस्थान के निदेशक प्रोफ़ेसर दिनेश सिंह राठौर द्वारा सभी का धन्यवाद दिया गया। कार्यक्रम में अधीक्षक डॉ. अनिल कुमार सिसोदिया, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. अरुण श्रीवास्तव, आयुष्मान नोडल डॉ नंदन सिंह, कुलदीप भारद्वाज जिला कार्यक्रम प्रबंधक, डॉ आशीष चौहान,  दुष्यंत, गौरव उपस्थित थे कार्यक्रम का संचालन डॉ. पार्थ बघेल, डॉ सारंग अग्रवाल, डॉ सपना गुप्ता, डॉ. सुक्रम यादव द्वारा किया गया।