दिल्ली

ABVP छात्र संसद: शिक्षा, नेतृत्व और राष्ट्र निर्माण का “दिल्ली महाकुंभ” कल से

अमित शाह, सर्बानंद सोनोवाल, रेखा गुप्ता और विजया रहाटकर करेंगे छात्रों से संवाद


तीन दिवसीय संसद में जनजातीय, छात्रा और पूर्वोत्तर युवा शक्ति का संगम


नीति-निर्माण की प्रक्रिया में युवाओं की भागीदारी को मिलेगा बल

नई दिल्ली।  अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (अभाविप) द्वारा आयोजित तीन दिवसीय छात्र संसद 9 से 11 मार्च 2025 तक एनडीएमसी कन्वेंशन सेंटर, नई दिल्ली में आयोजित होगी। यह छात्र संसद देशभर के छात्र प्रतिनिधियों, शिक्षाविदों, नीति-निर्माताओं और समाजसेवियों को एक साझा मंच प्रदान करेगी, जहां वे शिक्षा, नेतृत्व, सामाजिक समरसता, महिला सशक्तिकरण और राष्ट्र निर्माण जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर मंथन करेंगे। इस भव्य आयोजन में विभिन्न समुदायों, क्षेत्रों और वर्गों के छात्र भाग लेंगे, जिससे भारत की विविधता और एकता का अनूठा संगम देखने को मिलेगा।

यह छात्र संसद तीन महत्वपूर्ण सत्रों में विभाजित होगी—जनजातीय छात्र युवा संसद (9 मार्च), छात्रा संसद (10 मार्च) और पूर्वोत्तर छात्र युवा संसद (11 मार्च)। इन सत्रों में देशभर से हजारों छात्र-छात्राएं, अकादमिक विशेषज्ञ, सामाजिक कार्यकर्ता और सरकारी अधिकारी भाग लेंगे। इस संसद का मुख्य उद्देश्य युवाओं को देश की नीतियों में भागीदारी के लिए प्रेरित करना और उन्हें राष्ट्र निर्माण की प्रक्रिया का अभिन्न अंग बनाना है।

इस ऐतिहासिक आयोजन में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, केंद्रीय मंत्री सर्बानंद सोनोवाल, दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता, राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष विजया रहाटकर और जनजातीय कार्य राज्य मंत्री दुर्गा दास उइके जैसे शीर्ष नेता छात्रों से संवाद करेंगे और उनकी जिज्ञासाओं का समाधान करेंगे।

जनजातीय छात्र युवा संसद: शिक्षा और अधिकारों पर मंथन

9 मार्च को आयोजित जनजातीय छात्र युवा संसद में देशभर की 124 से अधिक जनजातियों के छात्र भाग लेंगे, जिनमें विशेष रूप से बैगा, शहरिया, मारिया, मोडिया जैसी अति पिछड़ी जनजातियों के छात्र भी अपनी समस्याएं और आवश्यकताएं साझा करेंगे। इस संसद में जनजातीय समाज की शिक्षा, उनके सांस्कृतिक संरक्षण, सरकारी योजनाओं की प्रभावशीलता और रोजगार के अवसरों पर गहन मंथन किया जाएगा।

भारत के वनवासी और जनजातीय समाज को मुख्यधारा से जोड़ने और उनकी शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए यह आयोजन एक महत्वपूर्ण पहल साबित होगा। केंद्र सरकार द्वारा जनजातीय समुदायों के उत्थान के लिए चलाई जा रही योजनाओं—एकलव्य मॉडल स्कूल, वनबंधु कल्याण योजना, ट्राइफेड कार्यक्रम आदि की सफलता और उनकी चुनौतियों पर विस्तार से चर्चा होगी।

मुख्य अतिथि जनजातीय कार्य राज्य मंत्री श्री दुर्गा दास उइके इस अवसर पर जनजातीय समाज की उन्नति के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को रेखांकित करेंगे और छात्रों के विचारों एवं सुझावों को सुनकर नीतिगत सुधारों पर चर्चा करेंगे।

छात्रा संसद: महिलाओं की शिक्षा और नेतृत्व पर जोर

10 मार्च को आयोजित छात्रा संसद का मुख्य उद्देश्य छात्राओं की वैचारिक स्पष्टता बढ़ाना और उन्हें प्रभावी नेतृत्व के लिए प्रेरित करना है। इस संसद में शिक्षा, सुरक्षा, स्वास्थ्य, स्वावलंबन, भारतीय चिंतन में महिला की भूमिका तथा विकसित भारत 2047 में महिलाओं की सहभागिता जैसे विषयों पर गहन विचार-विमर्श होगा।

महिलाओं की शिक्षा और सशक्तिकरण को बढ़ावा देने के लिए इस संसद में देशभर से 250 से अधिक छात्राएं, जिनमें एनएसएस, एनसीसी और विभिन्न छात्र संघों की पदाधिकारी शामिल हैं, भाग लेंगी। महिलाओं के समक्ष आने वाली चुनौतियों और उनके समाधान पर केंद्रित यह संसद महिलाओं को नेतृत्व की दिशा में आगे बढ़ाने का अवसर प्रदान करेगी।

इस सत्र की मुख्य अतिथि दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता और राष्ट्रीय महिला आयोग अध्यक्ष विजया रहाटकर होंगी, जो महिलाओं की सामाजिक और राष्ट्रीय भूमिका पर अपने विचार रखेंगी। इस संसद में छात्राओं की सुरक्षा, करियर में समान अवसर और नेतृत्व क्षमता के विकास को लेकर नए सुझाव प्रस्तुत किए जाएंगे।

पूर्वोत्तर छात्र युवा संसद: समरसता और विकास की नई राह

11 मार्च को आयोजित पूर्वोत्तर छात्र युवा संसद पूर्वोत्तर भारत और शेष भारत के बीच राष्ट्रीय एकात्मता को सुदृढ़ करने तथा सांस्कृतिक आदान-प्रदान को बढ़ावा देने के उद्देश्य से आयोजित होगी। इस संसद में पूर्वोत्तर भारत के सभी आठ राज्यों के छात्र संगठनों के प्रतिनिधि भाग लेंगे और अपने क्षेत्र की समस्याओं, चुनौतियों और अवसरों पर चर्चा करेंगे।

पूर्वोत्तर भारत की संस्कृति, परंपरा, शिक्षा और भाषाई विविधता के संरक्षण में छात्र संगठनों की भूमिका को मजबूत करने पर विशेष जोर दिया जाएगा। भारत सरकार द्वारा पूर्वोत्तर में बुनियादी ढांचे के विकास, शिक्षा सुधार, पर्यटन को बढ़ावा और स्थानीय उद्योगों को सशक्त करने के लिए चलाए जा रहे कार्यक्रमों पर भी चर्चा होगी।

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह इस सत्र में पूर्वोत्तर भारत के छात्रों से संवाद करेंगे और जनजातीय विकास, उनके अधिकारों और आर्थिक अवसरों पर विस्तृत चर्चा करेंगे। यह आयोजन पूर्वोत्तर भारत के युवाओं को राष्ट्र की मुख्यधारा में और अधिक प्रभावी रूप से जोड़ने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल होगी।

अभाविप का दृष्टिकोण: छात्र संसद से भारत की बुलंद तस्वीर

अभाविप के राष्ट्रीय महामंत्री डॉ. वीरेंद्र सिंह सोलंकी ने कहा कि यह छात्र संसद केवल चर्चा का मंच नहीं, बल्कि युवाओं की आवाज को नीति-निर्माण तक पहुँचाने का सशक्त माध्यम है। यह आयोजन छात्रों को सामाजिक समस्याओं को समझने, समाधान सुझाने और राष्ट्रनिर्माण में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करने का अवसर देगा।

छात्र संसद के समापन सत्र में केंद्रीय मंत्री सर्बानंद सोनोवाल मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहेंगे। यह आयोजन भारत के उज्ज्वल भविष्य की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा, जिससे शिक्षा, नेतृत्व और सामाजिक समरसता के नए आयाम स्थापित होंगे।