आगरा। दरगाह हजरत साई गुदड़ी शाह बाबा का दो दिवसीय जश्ने उर्स मुबारक बड़ी ही शानू शौकत के साथ किया गया इस उर्स मुबारक में दुनिया भर से गुदड़ी शाही अकीदतमंद लोग भी शामिल होते हैं इसी कड़ी में आगरा से भी भारत मुबारक में अपनी हाजिरी लगाने एक गुदड़ी शाही जत्था रेल द्वारा अजमेर शरीफ गया था जो की रमजान उल मुबारक की 9 एवं 10 रमजान उल मुबारक को हर साल किया जाता है।
दरगाह के सज्जादा नाशी हजरत इनाम हसन गुदड़ी शाह बाबा पंजूम अजमेरी की कर परस्ती में किया जाता है जिसने उर्स मुबारक के पहले दिन बाद नमाज असर संदल चादरपोशी गुलपोशी की गई वही रोजा इफ्तार का भी आयोजन दरगाह पर किया गया बाद नमाज तराबीह बिलाल शरीफ का आयोजन देर रात्रि तक चला वहीं उर्स मुबारक के दूसरे दिन बाद नमाज फजर कुरान खानी एवं कुल व रंग की महफिल के साथ दो दिवसीय साइ गुदड़ी शाह बाबा का उर्स मुबारक संपन्न हो गया उर्स में आने वालों से सज्जादा नशीन हजरत इनाम हसन गुदड़ी शाह बाबा पंजूम अजमेरी ने कहा कि अल्लाह तबारक ताला ने बुजुर्गों की शान इस तरह रखी है।
की बुजुर्गों के दरबारों से मांगी गई दुआओं को अल्लाह तबारक ताला कभी खाली नहीं जाने देता क्योंकि इन बुजुर्गों ने अल्लाह तबारक ताला को अपने लिए राजी किया हुआ है और अल्लाह तबारक ताला इन बुजुर्गों से राजी हुआ है अल्लाह की शाने करीमी रमजान उल मुबारक के महीने में 70 गुनाह बढ़ जाती है अल्लाह तबारक ताला ने खुद कुरान में फरमाया है कि माहे रमजान उल मुबारक के महीने में मेरा रोजेदार बांदा मुझे से रोज़े की हालत में जो भी दुआ करता है मैं उसे अपनी बारगाह में कबूल कर लेता हूं यह तो एक आम आदमी के लिए अल्लाह तबारक ताला की मोहब्बत है लेकिन यही मोहब्बत मगर एक आम आदमी अल्लाह के वालियों से मांगते हैं।
तो उन दुआओं की शक्ति दुगनी हो जाती है यह अल्लाह के ऐसे बुजुर्ग हैं की जिन्होंने अल्लाह के लिए दुनिया को ठोकर मार दी हम सभी को इन वालियों की मोहब्बत के लिए इनके दरबारों में हाजिरी लगाना चाहिए तभी जाकर हमारे दिलों की तमन्ना है अल्लाह तबारक ताला इन वालियों के सदके में पूरी करेगा अजमेर शरीफ उर्स में अपनी हाजिरी लगाकर आगरा लौटने वालों में मुख्य रूप से हाजी मोहम्मद तौफीक सैयद मुबारक हुसैन मोहम्मद जमील मोहम्मद अमीन जियाउद्दीन सैयद अमजद हुसैन राजू भाई फरहानुद्दीन लाल दीनदयाल मोहम्मद इमरान आदि लोग शामिल थे।