भारत में हर राज्य की होली मनाने का तरीका अलग होता है, लेकिन आंध्र प्रदेश के एक गांव में मनाई जाने वाली होली सबसे अनोखी मानी जाती है. यहां पुरुष महिलाओं की तरह साड़ी पहनकर और श्रृंगार कर होली खेलते हैं. इस परंपरा के पीछे की वजह जानकर हर कोई हैरान रह जाता है.
आंध्र प्रदेश के कुरनूल जिले के आदोनी मंडल ( Adoni mandal) के संथेकुडलूर (Santhekudlur) गांव में यह अनोखी परंपरा वर्षों से चली आ रही है. गांव के पुरुष हर साल होली के दिन महिलाओं की तरह सजी-धजी साड़ी पहनकर रंगों के त्योहार में शामिल होते हैं. इसके पीछे मान्यता है कि ऐसा करने से गांव में सुख-शांति और समृद्धि बनी रहती है. स्थानीय लोगों का मानना है कि यह परंपरा भगवान को प्रसन्न करने और बुरी शक्तियों को दूर करने के लिए निभाई जाती है. कई बुजुर्गों का कहना है कि यह परंपरा कई पीढ़ियों से चली आ रही है और इसे निभाना सौभाग्य का प्रतीक माना जाता है
हर साल इस खास परंपरा को देखने के लिए न केवल स्थानीय लोग, बल्कि दूर-दराज से भी सैकड़ों लोग गांव में आते हैं. इस दिन पूरा गांव एक रंगीन उत्सव में बदल जाता है. पुरुष न केवल साड़ी पहनते हैं, बल्कि वे महिलाओं की तरह गहने और श्रृंगार भी करते हैं. होली के दिन पूरा गांव ढोल-नगाड़ों और पारंपरिक लोकगीतों से गूंज उठता है. पुरुषों का इस तरह सजना-संवरना और नाच-गाना करना लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र बन जाता है.
इस अनोखी परंपरा की तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहे हैं. लोग इसे देखकर हैरान हैं और कई लोग इसे भारत की विविध संस्कृति का अद्भुत उदाहरण मान रहे हैं. एक यूजर ने कमेंट किया, भारत में त्योहारों की परंपराएं कितनी अनोखी और खूबसूरत होती हैं, जबकि एक अन्य यूजर ने लिखा, यह सच में देखने लायक परंपरा है, जो भारतीय संस्कृति की गहराई को दिखाती है.
यह अनोखी परंपरा भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को दर्शाती है. जहां बाकी जगहों पर लोग होली को पारंपरिक तरीके से मनाते हैं, वहीं संथेकुडलूर गांव अपनी अनूठी परंपरा के कारण देशभर में चर्चा का विषय बन जाता है.