आगरा। लखनऊ के विभूतिखंड थाना पुलिस और मथुरा में पुलिस द्वारा वकील के साथ अमानवीयता एवं मारपीट की घटना में संलिप्त पुलिस वालों के खिलाफ पूरे प्रदेश के अधिवक्ताओं में रोष व्याप्त है । पुलिस वालों की अविलंब गिरफ्तारी की जाए और जेल भेजा जाए। यह कहना है एडवोकेट सरोज यादव का। उन्होंने कहा कि पुलिस अधिवक्ताओं के साथ वैमनस्यता पूर्ण व्यवहार मानने लगी है जोकि बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने कहा कि वकीलों के साथ अपमानजनक व्यवहार मानवीय अधिकारों का गम्भीर हनन है। इस पर न्यायपालिका को संज्ञान लेकर दोषी पुलिस वालों को दंडित करने की व्यवस्था सुनिश्चित करने की सख्त आवश्यकता है।
एडवोकेट सरोज यादव ने कहा कि अधिवक्ता समाज के पीड़ित वर्ग को न्याय दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है । किसी भी स्तर पर पुलिस के किसी भी कर्मचारी या अधिकारी द्वारा वकीलों के साथ अभद्रता पूर्वक व्यवहार करने का अधिकार किसी भी कानून में नहीं दिया गया फिर भला पुलिस की अमानवीय पूर्ण दुर्व्यवहार करने की हिम्मत कैसे पड़ जाती है। उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार अधिवक्ता समाज का पूरी तरह से दमन करने पर उतारू हो गई है यही वजह है कि सरकारें एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट को लागू करने को लेकर कतई गम्भीर नहीं दिखाई देती हैं।
एडवोकेट सरोज यादव ने चेतावनी देते हुए कहा है कि यदि चौबीस घंटों के भीतर लखनऊ और मथुरा के दोषी पुलिस वालों को गिरफ़्तार कर जेल नहीं भेजा गया तो अधिवक्ताओं को सड़क पर उतर कर आंदोलन करने को मजबूर होना पड़ेगा जिसकी समस्त जिम्मेदारी प्रदेश सरकार की होगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश में वकीलों के मान सम्मान और स्वाभिमान से किसी को खिलवाड़ नहीं करने दिया जाएगा जो कुचेष्टा करेगा, अधिवक्ता समाज उसको सबक सिखाने में बिल्कुल भी पीछे नहीं हटेगा।
उन्होंने प्रदेश सरकार से मांग की है कि अधिवक्ता और शासन प्रशासन का टकराव टालने के लिए बहुत आवश्यक है कि यू पी में अविलंब एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट लागू किया जाए।