उत्तर प्रदेश

माहे रमजान में मोमिनों का इबादत और तिलावत में गुजर रहा रोजा – समाजसेवी अहमद हसन

संवाद।।  तौफीक फारूकी

गुरसहायगंज। इस्लाम धर्म में रमजान को सबसे पाक महीना कहा गया है. रमजान के महीने मुस्लिम लोग रोजा रखकर नेक दिल से खुदा की इबादत करते हैं. रमजान के पूरे महीने में लोग अल्लाह की इबादत करते हैं और रोजे-नमाज के पाबंद रहते हैं. रमजान के पवित्र महीने में मुस्लिम लोग सुबह सहरी खाकर रोजे की शुरुआत करते हैं और शाम में इफ्तार के समय रोजा खोल लेते हैं.

गुरसहायगंज (समाजसेवी) ठेकेदार अहमद हसन ने कहा कि रमजान में इबादत करने के अधिक अवसर मिलते हैं. इस पाक महीने में जहां तक संभव हो झूठ बोलने, धोखा देने, बेईमानी करने से बचना चाहिए. रमजान संगीत से दूरी बनाए रखने की हिदायत देता है. अमीर-गरीब का फर्क मिटाता है. करोड़पति और उसका नौकर एक साथ एक ही पंक्ति में खड़े होकर नमाज पढ़ते और रोजा खोलते हैं. कहा जाता है कि इस पाक महीने में की गई इबादत का फल यानी सवाब कई गुना ज्यादा हासिल होता है.

समाजसेवी अहमद हसन ने कहा कि रोजा अल्लाह की भेजी हुई बहुत बड़ी नियामत है जो समाज में आपसी सद्भभाव, भाईचारा अमन चैन और समृद्धि का संदेश लेकर आता है। रोजेदारों की रोजा हिंदू मुस्लिम एकता को पवित्रता के साथ जोड़ने का काम करता है और कहा की इबादत का महीना हैं. लोग रमजान के इस मुकद्दस महीने में ज्यादा से ज्यादा इबादत कर रहे हैं और अल्लाह से रहमत की दुआ मांग रहे हैं.