मुल्क की आजादी की सुबह का ऐलान भारतरत्न उस्ताद बिस्मिल्लाह खान की लाल की प्राचीर बजाई गई शहनाई गूंज से हुआ। आज ही के दिन 21 मार्च 1916 ई. के दिन बिहार में बक्सर के करीब डुमरांव में उस्ताद की पैदाइश हुई थी।
बिस्मिल्लाह खां खानदानी शहनाई वादक थे उनके पुरखे भोजपुर रियासत के दरबारी थे। बिस्मिल्लाह खां 6 साल की उम्र में बनारस गए और अपने मामा के साथ विश्वनाथ मंदिर में शहनाई बजाने लगे।
धीरे धीरे इनकी शहनाई की धुन देश विदेश तक फैल गयी। भारत रत्न जैसे कई दर्जनों अवार्ड मिला, पैसा मिला, शोहरत मिली लेकिन कभी बनारस छोड़कर नहीं गए, अपनी सारी जिंदगी बड़ी सादगी से बनारस में ही गुज़ार दी।