बरेली। 21 वे रमज़ान के मौके पर मज़हब-ए-इस्लाम के चौथे खलीफ़ा,पैग़म्बर-ए-इस्लाम के दामाद हज़रत मौला अली रदियल्लाहो अन्हु को शहीद किया गया था। उनकी याद में आज दरगाह आला हज़रत पर सज्जादानशीन मुफ्ती अहसन रज़ा क़ादरी के निवास पर दरगाह सरपरस्त हज़रत मौलाना सुब्हान रज़ा खान(सुब्हानी मियां) की सरपरस्ती में महफ़िल के साथ मौला अली का दस्तरख़्वान सजाया गया। यहाँ महफ़िल का आगाज़ तिलावत-ए-कुरआन पाक से हुआ। इसके बाद नात-ओ-मनकबत का नज़राना पेश किया। इस मौके पर सज्जादानशीन मुफ्ती अहसन मियां ने मौला अली को खिराज़ पेश करते हुए कहा कि आपकी शहादत 21 रमजान 40 हिजरी को हुई। आप इल्म,बहादुरी और इंसाफ़ की मिसाल थे। आप दामाद-ए-रसूल,जन्नती जवानों के सरदार हज़रत इमाम हसन व इमाम हुसैन के वालिद और खातून ए जन्नत के शौहर है। आपकी शहादत इस्लामी तारीख का एक बड़ा खसारा(नुकसान) थी। हमारे नबी इरशाद फरमाते है कि मैं इल्म का शहर हूँ और अली उसके दरवाज़ा है। मुसलमान आपके नक्शे कदम पर चलते हुए अहले बैत से सच्ची मुहब्बत करके ही असल कामयाबी हासिल कर सकता है।

दरगाह के नासिर कुरैशी ने बताया कि रोज़ा इफ्तार से पहले फातिहा व दुआ हुई। इसके बाद सभी ने एक ही दस्तरख़्वान पर दरगाह सरपरस्त व सज्जादानशीन के साथ इफ्तार किया।इस मौके पर मुफ्ती अकिल रज़वी,मुफ्ती जमील नूरी, मुफ्ती ज़ईम रज़ा, अल्हाज मोहसिन हसन खान,मौलाना बशीर उल क़ादरी,मौलाना अबरार उल हक,शाहिद नूरी,मंजूर रज़ा,औरंगज़ेब नूरी,हाजी जावेद खान,मुजाहिद रज़ा,परवेज़ नूरी,अजमल नूरी,ताहिर अल्वी,अब्दुल माजिद खान,इशरत नूरी,हाजी शरिक नूरी,शारिक बरकाती,सैफ वली खान,सगीर उद्दीन नूरी,फैज़ कुरैशी,शान रज़ा,मोहसिन रज़ा,युनुस गद्दी,इरशाद रज़ा,खालिद नूरी,आलेनबी, तारिक सईद,सय्यद एजाज,सय्यद माजिद अली,आरिफ नूरी,सबलू अल्बी,नाजिम रज़ा गोलू,साजिद नूरी,नईम नूरी,हाजी फय्याज नूरी,काशिफ रज़ा,शोइब रज़ा,आजम तहसीनी,जावेद रज़ा,हसीन रज़ा, रोमान रज़ा,मुस्तकीम,अजमल रज़ा,समी रज़ा,सैफ रज़ा,गौहर खान आदि लोग शामिल रहे।