आगरा। पंचतत्वों को सहेजने और संवारने का संदेश डॉक्टरों ने रैम्पवॉक कर दिया। जल, वायु, अग्नि, भूमि और आकाश में बढ़ते प्रदूष के कारण सिर्फ मानव जीवन ही नहीं बल्कि पृथ्वी का आस्तित्व भी खतरे में है। पंचतत्वों को प्रदर्शित करते परिधान पहनकर डॉक्टरों ने बदलती जीवनशैली के कारण पंचतत्वों में बढ़ते प्रदूषण पर चिन्ता जताने के साथ उसके निवारण भी सुझाए। एसएन मेडिकल कॉलेज के स्त्री व प्रसूति रोग विभाग व एओजीएस द्वारा आयोजित 36वां यूपीकॉन 2025 के सांस्कृतिक कार्यक्रम में मस्ती और उमंग के साथ सामाजिक संदेश भी दिए गए। आयोजन समिति की अध्यक्ष डॉ. सरोज सिंह व सचिव डॉ. रिचा सिंह ने अतिथियों का स्वागत किया।
सांस्कृतिक कार्यक्रम का शुभारम्भ आयोजन समिति के सदस्यों ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया। सर्वप्रथम रत्ना शर्मा ने शिवजी की स्तुति की। प्रस्तुतियों के माध्यम से बताया की भौतिकता के परिपूर्ण जीवन के अलावा भी बहुत कुछ है। जीवन में आध्यात्मक के महत्व को बताया। रैम्पवॉक पीजी स्टूडेंट द्वारा डॉ. हेमा सडाना, डॉ. मनीषा, नीलम रावत के निर्देशन में किया। जीवन के नौ रस पर मनोरंजक प्रस्तुतियां दी गई। जिसमें झांसी, हापुड़, आगरा, बरेली, प्रयागराज, गोरखपुर, लखनऊ, देहरादून, मैरठ की 60 से अधिक डॉक्टरों ने सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुतियां दीं।