- उप्र ऑयल मिलर्स एसोसिएशन ने मोपा और कुईट के तत्वाधान में आयोजित की 45 वीं अखिल भारतीय रबी तेल तिलहन सेमिनार
- लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने किया देश भर से आए 1200 से अधिक तेल व्यवसाय से जुड़े व्यापारी और उद्योगपतियों को संबोधित
- सिने अभिनेत्री अमीषा पटेल ने किया उद्यमियों को सम्मानित
− दो दिवसीय सेमिनार में तेल उद्यमियों ने लगाया सरसों की पैदावर का अनुमान, कहा जलवायु परिवर्तन से
आगरा। भारत की मिट्टी में वह विशेषता है जिससे यहां के बीजों की गुणवत्ता सर्वश्रेष्ठ होती है। यहां की मिट्टी में उगने वाली सभी तिलहन फसलों से बनने वाले खाद्य तेल दुनिया में सर्वश्रेष्ठ स्थान रखते हैं, चाहें बात स्वाद की हो या फिर स्वास्थ्य की। विश्व मंच पर भारत के खाद्य तेलों की इस विशेषता को सामने लाने के लिए एकजुट होकर प्रयास किसान और उद्यमी करें। सरकार आपका पूरा सहयोग करेगी। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने आगरा की धरती से देश के तेल उद्यमियों और किसानों को ये संदेश दिया।
उप्र ऑयल मिलर्स एसोसिएशन ने मस्टर्ड ऑइल प्रोड्यूसर्स एसोसियेशन ऑफ इंडिया (मोपा) और दी सेन्ट्रल आर्गेनाइजेशन फॉर ऑयल इण्डस्ट्री एवं ट्रेड (कुईट) के तत्वाधान में ताज होटल एंड कन्वेंशन सेंटर में
आयोजित दो दिवसीय अखिल भारतीय रबी तेल तिलहन सेमिनार के 45 वें संस्करण का आयोजन किया गया।
सेमिनार का शुभारंभ मुख्य अतिथि लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, केंद्र राज्य मंत्री प्रो एसपी सिंह बघेल, सांसद राजकुमार चाहर, मेयर हेमलता दिवाकर, एमएलसी विजय शिवहरे, राष्ट्रीय संयोजक दिनेश राठौड़, कुईट अध्यक्ष सुरेश नागपाल, महेश राठौड़, यूपीओमा अध्यक्ष अजय गुप्ता, मोपा अध्यक्ष बाबू लाल डाटा, यश अग्रवाल, भरत भगत, कुमार कृष्ण गोयल ने दीप प्रज्वलित कर किया।
यूपीओमा अध्यक्ष अजय गुप्ता ने स्वागत उद्बोधन देते हुए कार्यक्रम की प्रस्तावना रखी। राष्ट्रीय संयोजक दिनेश राठौड़ ने सरसों तेल उत्पादन एवं उद्योग की चुनौतियों की ओर मंच का ध्यान आकर्षित किया। मंच का संचालन करते हुए लघु उद्योग भारती के प्रदेश सचिव मनीष अग्रवाल ने कहा कि एकजुट होकर सरसों तेल उद्यमियों द्वारा किया गया ये प्रयास देश को बेहतरीन खाद्य उत्पाद देगा और देश में आयात के स्थान पर खाद्य तेल का निर्यात हम कर सकेंगे।
मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित करते हुए लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि जितनी उपभोक्ताओं की आवश्यकता है, उसके मुकाबले हमारे देश में खाद्य तेल का उत्पादन कम होता है, इसलिए हमें तेल का आयात करना पड़ता है।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बहुत लंबे समय से प्रयास कर रहे हैं कि किसी तरीके से किसान आत्मनिर्भर बनें। हम दालों में आत्मनिर्भर बने और अन्य क्षेत्रों में आत्मनिर्भरता लाने के लिए सरकार ने बहुत प्रयास भी किए हैं लेकिन उसके बाद भी आज भी खाद्य तेल हमें आयात करने पड़ते हैं। यह हमारे लिए सबसे बड़ी चुनौती है और इसीलिए इस चुनौतियों का समाधान निकलेगा।
हमारा खाद्य तेल सबसे सर्वश्रेष्ठ तेल है। हमारी मिट्टी में पैदा होता है, वह तेल सबसे बेहतर है। भारत की जलवायु, भारत की मिट्टी, भारत का पानी खाद्य तेलों के लिए सर्वश्रेष्ठ है। आवश्यकता है तो इसे वैश्विक स्तर पर प्रचारित करने की। इसके लिए हमें रिसर्च करनी होंगी, उनको दुनिया के सामने लाना होगा। इससे हमारा बाजार बढ़ेगा। लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि आजकल मार्केटिंग करने का जमाना है। अधिकांश चिकित्सक मानते हैं कि खाद्य तेलों से बीमारियों नहीं होतीं। इम्यूनिटी बढ़ती है। यदि सरसों तेल की गुणवत्ता पर शोध पत्र कृषि वैज्ञानिक तैयार करें और ऑयल इंडस्ट्री मिलकर उसका प्रचार प्रसार करे तो हमारे खाद्य तेल को कोई चुनौती नहीं दे सकता।

उन्होंने कहा कि आज ये सम्मेलन जिस समय हो रहा है वो भारत का बदलता दौर है। इस बदलते दौर में किसानों को आत्मनिर्भर बनाने का प्रयास कर रहे हैं। उनकी फसल को उचित मूल्य मिले। किसान आर्थिक रूप से मजबूत हो। एक समय था जब गांव के तेल की खपत गांव की ढाणी से निकलती थी। वो ग्रामीण स्वालंबन का एक बड़ा मॉडल था। बदलते परिपेक्ष के अंदर बहुत बड़ा परिवर्तन दुनिया में हुआ।
इस परिवर्तन के दौर में आप सब चर्चा कर रहे हैं। मंथन कर रहे हैं। विचार कर रहे हैं। इसका अमृत जरूर निकलेगा। उन्होंने कहा कि संगठित होकर प्लान तैयार करें सरकार भरपूर सहयोग करेगी। ओम बिड़ला ने कहा कि हमें इतनी खपत बढ़ा देनी चाहिए कि दुनिया से हमें तेल मंगाना न पड़े, बल्कि हमें कोशिश ये करनी चाहिए, कि हम दूसरे देशों को तेल भेज सकें। हमें अपने देश के तेल जो श्रेष्ठ है उसे बस दुनिया में पहचान दिलानी है।
ओम बिड़ला ने शहीद दिवस पर देश के वीर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने सेमिनार को संबोधित करने से पूर्व सबसे पहले शहीद दिवस पर देश के वीर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि राष्ट्र की स्वतंत्रता सम्मान की रक्षा के लिए अपना बलिदान दिया ऐसे वीरों को मेरा नमन।
सिने अभिनेत्री अमीषा पटेल ने किया उद्यमियों को सम्मानित
सेमिनार का समापन सम्मान समारोह के साथ हुआ। सिने अभिनेत्री अमीषा पटेल ने देशभर से आए उद्यमियों एवं व्यापारियों को सम्मानित किया। इस दौरान उन्होंने मंच से कहा कि शुद्ध भोजन स्वस्थ जीवन देता है और देशी उत्पाद से बेहतर कुछ और नहीं है। सरसों तेल इसी शुद्धता पर खरा उतरता है।
बेखौफ होकर जोत बढ़ाएं: प्रो एसपी सिंह बघेल
सेमिनार को संबोधित करते हुए केंद्रीय राज्य मंत्री प्रो एसपी सिंह बघेल ने कहा कि भारत विश्व का सबसे बड़ा देश है, इस नाते भारत में खाद्य तेल की खपत भी बड़ी मात्रा में होती है। ये विडंबना है कि भारत पूरी दुनिया में अन्नदाता के रूप में जाना जाता है वहां खाद्य तेल का आयात किया जाता है।
उन्होंने कहा कि तेल उद्यमियों के सेमिनार के मंथन में निश्चित रूप से समाधान का अमृत निकलेगा। 23.25 मिलियन मैट्रिक टन हमारी खपत है। इसलिए जोत बढ़ाने में खतरा नहीं है। सरसों तेल स्वास्थ की दृष्टि से वरदान है। इसकी शरीर पर मालिश के फायदे चिकित्सक बताते हैं।

सरसों का एमएसपी तय होना चाहिए, ताकि किसानों को सही मूल्य मिल सके: राजकुमार चाहर
सांसद और भाजपा किसान मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजकुमार चाहर ने किसानों की समस्या को सेमिनार में उठाया। बोले सरसों का एमएसपी तय होना चाहिए। जिससे किसानों को सरसों का सही मूल्य मिल सके।
मांग और आपूर्ति के साथ क्रॉप एस्टीमेट पर चिंतन
सेमिनार के दूसरे सत्र में मांग और आपूर्ति के साथ क्रॉप एस्टीमेट पर चिंतन और विमर्श किया गया।
रबी कालीन तिलहन फसलों और विशेषकर सरसों की नई फसल की जोरदार कटाई-तैयारी एवं मंडियों में आवक शुरू होने पर देश में 111 लाख 25 हजार टन पैदावार होने का आंकलन लगाया गया, जिसमें उत्तर प्रदेश में 15 लाख टन फसल की घोषणा की गई। इस सत्र में घोषणा की गई कि संगठन एकजुट होकर एक संदेश के साथ बिना किसी नाम के सरसों तेल का प्रचार करेगा।
इन सत्रों में डॉ ममता बंसल, अंशु मलिक, प्रीतीश रोहन, संजीव अस्थाना, सीए आरके जैन, एसके सिंह, ऋषि अग्रवाल, अजय झुनझुनवाला, दीपक डाटा, पियूष, संजीव अग्रवाल, महेश राठौड़, डॉ बीबी मेहता, शैलेश बलदेव, नागराज मेडा, मनीष अग्रवाल रावी मंचासीन रहे।
ये रहे उपस्थित
सेमिनार में विनोद राजपूत, अनिल छतर, अजय झुनझुनवाला, गजेंद्र झा, महेश गोयल, सुनील गोयल, एसके जैन, दीपक गुप्ता, महेश राठौड़, राकेश गुप्ता, मधुकर गुप्ता, वासु पंजवानी, नरेश करीरा, रमन जैन, जयराम, रामप्रकाश राठौड़, जोनू गुप्ता, राघव गुप्ता, संजोग गुप्ता, राजीव गुप्ता आदि उपस्थित रहे। कार्यक्रम का प्रबंधन संदीप उपाध्याय एवं सागर तोमर ने किया।
राष्ट्रीय संयोजक दिनेश राठौड़ ने ये रखीं ये मांगें
सेमिनार में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला के राष्ट्रीय संयोजक दिनेश राठौर ने सरकार से 7 मांगें रखीं।
- जिस तरह से भारत सरकार व लगभग सभी राज्य सरकारें एथेनॉल के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए प्लांट धारकों को सब्सिडी दे रही हैं। इससे एथेनॉल के उत्पादन में वृद्धि के कारण डीडीजीएस का उत्पादन 30 लाख से बढ़कर 50 लाख होने जा रहा है। जिस कारण सरसों खली की मांग कम हो गई है, इस वजह से इसका दाम तीन हजार से घट कर दो हजार रह गया है। अतः सभी तेल मिल धारकों की मांग है कि सरसों तेल के उत्पादन में लगे प्लांट धारकों को भी एथेनॉल के समान ही सब्सिडी दी जाए।
- मध्य प्रदेश, राजस्थान जैसे प्रदेशों में मंडी टैक्स, जीएसटी और कैपिटल सब्सिडी का लाभ तेल तिलहन उत्पादन यूनिट को दिया जाता है, जबकि उत्तर प्रदेश में यह सुविधा नहीं है। हम आपके माध्यम से उत्तर प्रदेश सरकार से अनुरोध करते हैं कि वे तेल तिलहन उत्पादन यूनिट को भी अन्य प्रदेशों के समान मंडी टैक्स, जीएसटी में छूट और कैपिटल सब्सिडी प्रदान करे, ताकि यहां के किसान और व्यापारी भी राहत पा सकें।
- जीएसटी के क्षेत्र में भी तेल तिलहन कारोबार में भेदभावपूर्ण नीति अपनाई गई है।
जहां सामान्य इनपुट क्रेडिट 5 प्रतिशत है, वहीं पैकेजिंग पर यह क्रेडिट 18 प्रतिशत हो जाता है। हम सरकार से आग्रह करते हैं कि जो इनपुट क्रेडिट लंबे समय से शेष हैं उनको निर्यात यूनिट की तरह से जमा राशि को मिल धारकों को वापिस किया जाए। - सरसों तेल का वितरण सब्सिडी के साथ पब्लिक डिस्ट्रीब्यूशन सिस्टम के तहत किया जाए तो सरसों तेल के भाव भी स्थिर रहेंगे और किसानों को सरसों का MSP से ऊपर रेट मिलेगा। पाम ऑयल और सोयाबीन ऑयल को केंद्र एवं राज्य सरकार को PDS में सम्मिलित नहीं करना चाहिए।
- जिस तरह से सरसों के सीड का MSP सरकार तय करती है, उसी तरह से सरसों के तेल एवं सरसों की खाली का भी MSP भी सरकार को तय करना चाहिए।
- सोयाबीन सीड का MSP से ऊपर उचित मूल्य किसान को नहीं मिलना चाहिए। इसके लिए सरकार सोयाबीन सीड की प्रोसेसिंग करने वाले प्लांटों को वर्ष के अंत में उनकी टोटल पिसाई के आधार पर एक उचित इंसेंटिव रखे।