यह बिल मुसलमानों के वक्फ संपत्तियों पर कब्जा करने की कानूनी संरक्षण प्रदान करने की एक सोची समझी साजिश है। मजहर आलम
काली पट्टी बांधकर मुसलमानों ने पढ़ी अलविदा जुमा की नमाज

जालंधर, (मजहर): वक्फ संशोधन विधेयक के खिलाफ मुसलमानों का गुस्सा कम होने का नाम नहीं ले रहा है। आज मस्जिद ए कुबा खांबड़ा में अलविदा जुमे की नमाज के बाद विरोध प्रदर्शन किया गया और खांबड़ा अड्डा पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पुतला जलाया गया। मुसलमानों ने काली पट्टी बांधकर शुक्रवार की नमाज अदा की।

विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व करते हुए जमीयत उलेमा-ए-हिंद के जिला अध्यक्ष और मस्जिद ए कुबा के प्रधान मोहम्मद मजहर आलम मजाहिरी ने कहा कि यह संशोधन बिल मुसलमानों के वक्फ संपत्तियों पर कब्जा करने की कानूनी संरक्षण प्रदान करने की एक सोची समझी साजिश है। उन्होंने कहा कि वक्फ संपत्तियां केवल मुसलमानों के कल्याण के लिए समर्पित हैं, जिन्हें सरकार अपने अधीन करना चाहती है। यह विधेयक न्याय और निष्पक्षता की अपेक्षाओं के पूरी तरह विरुद्ध है। हम सभी इस क्रूर वक्फ बिल के खिलाफ हैं और इसे वापस लिए जाने तक आंदोलन जारी रखेंगे।
मजहर आलम मजाहिरी ने कहा कि वह इस विधेयक को पारित करने वालों के कार्यों को कभी नहीं भूलेंगे। आगामी चुनाव में मुसलमान इसका मुंहतोड़ जवाब देंगे।
मजहर आलम ने कहा कि वक्फ प्रॉपर्टीज हमारे लिए सिर्फ ज़मीन ही नहीं हैं, ये हमारी पहचान, हमारा माल और हमारा हक है और हमारी इबादत है इस बिल के ज़रिए जो कोशिश की गई है, वो हमारे मुस्लिम समाज के हक को मारने की है। हम समझते हैं कि इस बिल से एक तरीके से मुसलमानों का हक़दार होना छीना जा रहा है। ऐसे बिल को हम कभी भी मंजूर नहीं करेंगे। यह सिर्फ एक कानून के विरोध की बात नहीं, बल्कि हमारे समाज के हर एक इंसान की इज्जत, हक के लिए लड़ाई है।
विरोध प्रदर्शन के दौरान प्रदर्शनकारियों ने सरकार के खिलाफ नारे लगाए और विधेयक को तत्काल वापस लेने की मांग की।
इस अवसर पर आलम खान, तबरेज आलम, शाहबाज आलम, नदीम सलमानी, शहजाद सलमानी, मसूद खान आदि उपस्थित थे।