उत्तर प्रदेश

कमालगंज माह-ए-रमजान की आखिरी जुमा पढ़ी अलविदा जुम्मे की नमाज

बड़ी संख्या में जुटे रोजेदार, चप्पे-चप्पे पर पुलिस रही तैनात

संवाद।।  तौफीक फारूकी फर्रुखाबाद

फर्रुखाबाद रमजान के पवित्र महीने की आखिरी जुमे की नमाज अलविदा जुम्मा के अवसर पर मस्जिदों-बाजारों में रौनक देखने को मिल रही है. रमजान का महीना अलविदा लेने वाला है. रमजान के महीने की यह आखिरी जुम्मा है

थाना कमालगंज कस्बे की जामा मस्जिद में अकीदत के साथ अदा की गई। बच्चे, युवा व बुजुर्ग सभी अकीदतमंदों ने मस्जिदों में नमाज अदा कर अपने गुनाहों की मगफिरत की दुआ मांगी साथ ही देश में अमन चैन की दुआएं भी मांगी मस्जिद पर नमाजियों के लिए खास इंतजाम किए गए थे। वैसे तो सभी जुमे की अपनी अहमियत होती है क्या होता है अलविदा जुमा मगर रमजान के आखिरी जुमे को अलविदा जुमा कहा जाता है क्योंकि रमजान का ये अखिरी जुमा होता है और इसके साथ ही रहमतों और बरकातों का महीना रमजान हमसे विदा हो जाता है। इस संबंध में मौलाना ने बताया कि अलविदा के बाद ईद की तैयारियां तेजी के साथ शुरू हो जाती है अलविदा जुमे की नमाज में मौलाना मोहम्मद तारिक ने कहा कि फितरा ईद की नमाज से पहले अदा कर देना चाहिए। वैसे बाद में अदा करने पर पहले फितरा के बदले मिलने वाला सत्तर गुना का सवाब नहीं मिलता। इसलिए लोगों को फितरा जितनी जल्दी हो सके अदा कर दे उन्होंने कहा कि जकात का पैसा जरुरतमंदों को ही देना चाहिए। हजरात अपने धन की जकात अदा करे। ईद की नमाज से पहले फित्र अवश्य अदा करें कहा कि अलविदा की नमाज के बाद उलेमाओं ने अमन चैन की दुआएं मांगी। नेक राह पर चलने और गुनाहों से बचने की सीख देने के साथ रमजान का यह महीना अब खत्म होने को है। यह महीना सारे महीनों से ज्यादा मुकद्दस होता है।
इसमें गुनाहों की मगफिरत रोजगार में बरकत और जहन्नुम की आग से बचने की दुआ मांगी जाती है और अल्लाह उसको पूरा करता है। इस महीने में खर्च का कोई हिसाब नहीं होता है। जितना खर्च करो ऊपर वाला उतनी ही बरकत देता है। अलविदा की नमाज के साथ लोग ईद की खुशी मनाने की तैयारी कर रहे हैं जुमे की नमाज अलविदा जुम्मा के अवसर पर मुसलमानों ने काली पट्टी बांधकर वक्फ संशोधन कानून का विरोध किया कमालगंज मस्जिद में अल्लाह की इबादत कर देश की तरक्की के साथ आपसी भाईचारा के लिए दुआ मांगी गई मौलाना मोहम्मद तारिक ने अपने खिताब में रोजा, नमाज और जकात की महत्ता बताई। उन्होंने कहा कि रमजान का तीसरा और आखिरी असरा चल रहा है। एतखाफ की महत्ता को समझाते हुए उन्होंने मोमिनों से कलमा ए तैयबा और अस्तगफार की कसरत करने की अपील की उन्होंने नमाजियों को नसीहत दी कि वे इस आखिरी असरे में ज्यादा से ज्यादा इबादत करें। अल्लाह के घर में अधिक समय बिताएं। कुरान की तिलावत करें और दरूद शरीफ को कसरत से पढ़ें। उन्होंने कहा कि अल्लाह से आंसू बहाकर गुनाहों की माफी मांगें इस दौरान सुरक्षा व्यवस्था में थाना पुलिस कर्मी मस्जिदों के बाहर ड्यूटी पर तैनात रहे।
इजहार आलम फरमान जावेद शकील अरसलन इमरान इकरार हसन , निसार इस्लाम फैसल अरमान, आफताब साहिल रानू सलमान अयान बारिश आदि लोग मौजूद