आगरा। शारदा विश्वविद्यालय आगरा ने अपने पहले पीएचडी शोधकर्ताओं के बैच का गरिमामयी तरीके से स्वागत किया, जिसमें परंपरा और अकादमिक उत्साह का मेल था। समारोह की शुरुआत मां सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्वलन के साथ हुई, जो एक नए अकादमिक यात्रा की शुरुआत का प्रतीक था।
शारदा विश्वविद्यालय आगरा की कुलपति प्रो. (डॉ.) जयंती रंजन ने शोधकर्ताओं को पूर्ण संस्थागत समर्थन का आश्वासन दिया, उच्च गुणवत्ता वाले शोध के महत्व और अकादमिक चुनौतियों का सामना करने की तैयारी पर जोर दिया। शारदा रिसर्च एंट्रेंस टेस्ट (एसआरईटी) के माध्यम से कुल चालीस शोधकर्ताओं का चयन किया गया, जिसमें लिखित परीक्षा और साक्षात्कार सहित एक कठोर प्रक्रिया शामिल थी। बैच में उत्तर प्रदेश, बिहार और तमिलनाडु जैसे विविध राज्यों के छात्र शामिल हैं।
शारदा विश्वविद्यालय आगरा के कार्यवाहक रजिस्ट्रार डॉ. प्रवीण तिवारी एवं संबंधित स्कूलों के डीन जिनमें प्रो.शैलेंद्र सिंह, प्रो. सचिन श्रीवास्तव, प्रो. उमेश कुमार शर्मा, प्रो. आर. स्वामीनाथन ने शोधकर्ताओं को संबोधित किया और शोध परिस्थिति के विभिन्न आयामों पर प्रकाश डाला।
डॉ. ज्योति कुलश्रेष्ठ ने शैक्षणिक सत्र योजना को रेखांकित किया, जबकि डॉ. मनीष बाबू अग्रवाल और डॉ. मनु मेहरोत्रा ने शोध नियमों और परीक्षा दिशा निर्देशों के बारे में बताया।
कुलाधिपति पी. के. गुप्ता और उपकुलाधिपति वाई. के. गुप्ता ने छात्रों को बधाई एवं शुभकामनाएं प्रेषित की और अकादमिक उत्कृष्टता में उनके भविष्य के योगदान के लिए आशावाद व्यक्त किया।