उत्तर प्रदेश

जीआईएस सर्वे के आधार पर गृह कर जलकर वसूली पर मा हाईकोर्ट में याचिका मंजूर


सत्ताधारी जनप्रतिनिधियों का राजनीतिक फैलियर और निगम अधिकारियों की मनमानी के कारण लोग मा हाई कोर्ट जाने को मजबूर -सौली भईया

सोशल एक्टिविस्ट सुरेंद्र कुमार शर्मा एडवोकेट की याचिका मा हाई कोर्ट में मंजूर हुई याचिका 7 अप्रैल को होगी सुनवाई
फिरोजाबाद।। नगर निगम फिरोजाबाद द्वारा जीआईएस सर्वे के आधार पर की जा रही गृह कर जलकर वसूली को लेकर मा हाई कोर्ट ने याचिका मंजूर कर ली है अब 7 अप्रैल को सुनवाई होगी।
सोशल एक्टिविस्ट सुरेंद्र कुमार शर्मा एडवोकेट ने अपनी याचिका में मा उच्च न्यायालय के 2012 में श्री शिव सेवक सिंह बनाम उत्तर प्रदेश सरकार एवं अन्य को आधार मानते हुए जी आई एस सर्वे के आधार पर गृह कर जलकर वसूली पर रोक लगाने की मांग की है।
इस मौके पर समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय सचिव सामाजिक कार्यकर्ता सतेन्द्र जैन सौली ने कहा कि नगर निगम के अधिकारियों ने जनता से गृह कर जलकर की वसूली के लिए सारी हदें पार की है।
जी आई एस सर्वे के आधार पर मनमाने बिल देकर भवनों को सील किया गया मकानों पर बकाया लिखवाकर बेइज्जत किया गया लोगों की घेराबंदी की गई जनता पर तरह तरह का दबाव डाला गया जिसके कारण बहुत सारे लोग होली का त्योहार तक ठीक से नहीं मना सके ।
जबकि नगर विधायक जी और मेयर साहिब सहित सभी सत्ताधारी जनप्रतिनिधि जिनको जनता ने यह सोचकर की है यह हमारे हितों की रक्षा करेंगे वोट दिया वह अपने निजी हितों के लिए खुलेआम या तमाशा देखते रहे और जनता का उत्पीड़न होता रहा है यह सत्ताधारी जनप्रतिनिधियों का राजनीतिक फेलियर है जिसका आने वाले 2027 और 28 में फिरोजाबाद की जनता इसका जवाब जरूर देगी।
उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी और सामाजिक संगठनों ने जनता के उत्पीड़न के विरुद्ध लड़ाई लड़ी जी आई एस सर्वे के आधार पर टैक्स वसूली को मा उच्च न्यायालय द्वारा एक अन्य प्रकरण श्री शिव सेवक सिंह का वनाम उत्तर प्रदेश सरकार अन्य 2012 में ही रोका जा चुका था जिला प्रशासन और नगर आयुक्त सहित सभी अधिकारियों को पहले ही हमने अवगत करा दिया था फिर भी जी आई एस सर्वे के आधार पर निगम अधिकारियों ने मनमानी करके वसूली की है यह खुलेआम जान बूझ कर कानून का उल्लंघन हुआ है अब मा हाईकोर्ट के निर्णय आने के बाद फिरोजाबाद की जनता को न्याय के लिए अन्य कानूनी पहलुओं पर भी विचार किया जाएगा