आगरा। डॉ० भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय आगरा के संठ पदम चन्द जैन प्रबन्ध संस्थान में भारत राम डॉ० भीमराव आंबेडकर की जयंती के अवसर पर राजभवन लखनऊ के निर्देशानुसार दिनांक 14 अप्रैल 2025 को राजभवन में आयोजित होने वाले भाषण प्रतियोगिता हेतु प्रतिभागियों के चयन हेतु विश्वविद्यालय के समूह (समूह-१) की विश्वविद्यालय स्तरीय प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। इसमें प्रत्येक विश्वविद्यालय से दो प्रतिभागियों ने भाग लिया। भाग लेने वाले विश्वविद्यालयों में डॉ० भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय आगरा के अतिरिक्त रूहेल खण्ड विश्वविद्यालय बरेली, चौ० चरण सिंह विश्वविद्यालय मेरठ, राजा महेन्द्र प्रताप सिंह विश्वविद्यालय अलीगढ़, सरदार बल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय मेरठ तथा मी शाकुम्भरी विश्वविद्यालय सहारनपुर के प्रतिभागी सम्मलित थे।
कार्यक्रम के प्रारम्भ में कुलपति प्रो० आशु रानी ने सभी विश्वविद्यालयों के प्रतिभागियों एवं शिक्षकों का स्वागत किया। उन्होंने इस कार्यक्रम का आयोजन आगरा में करने के लिये समी विश्वविद्यालयों का आभार प्रकट किया। इस अवसर पर अपने उद्बोधन में कुलपति ने कहा कि जिस महान विभूति के नाम पर इस कार्यक्रम का आयोजन हो रहा है जिन्होंने भारतीय संविधान का निर्माण कर समाज के प्रत्येक वर्ग को न्याय, समानता और गरिमा प्रदान की। बाज हम उनके विचारों को प्रतिभागियों के माध्यम से सुनकर आत्मसात करने के लिये एकत्रित हुए है। उन्होंने कहा कि बाबा साहेब के दृष्टिकोण के समझ कर अपने जीवन में उतारने का प्रयास करना चाहिए।
कार्यक्रम में उपस्थित विभिन्न प्रतिभागियों ने डी० भीमराव अंबेडकर को सिद्धान्तो स्वातन्त्रता, समानता और भाईचारे को अपने विचारों में समाहित करते हुए प्रभावशाली प्रस्तुति दी। एक प्रतिभागी ने अपने उद्बोधन में कहा कि बाबा साहब का शिक्षित बनो संगठित रहो और संधर्ष करो कंवल एक नारा नहीं बल्कि जीवन का मंत्र है। जो आज की युवा पीढी के लिये आयन्त प्रासॉनिक है। एक अन्य प्रतिभागी ने उनके सुझाव के द्वारा स्थापित केन्द्रीय जल बायोग और रिर्जव बैंक जैसे संस्थानों का उल्लेख करते हुए उनके आर्थिक और संस्थागत दृष्टिकोण की सराहना की। इसके अतिरिक्त महिलाओं के सशक्तिकरण पर डॉ० भीमराव आबेडकर के विचारों को रेखांकित करते हुए कहा कि उन्होंने सदैव महिलाओं की भूमिका को राष्ट्र निर्माण महत्वपूर्ण माना। प्रतिभागी ने कहा कि किसी देश की प्रगति का आंकलन वहां

की महिलाओं की स्थिति को देखने से होता है क्योंकि महिला सशक्तिकरण से ही समतामूलक समाज का निर्माण सम्भव है। एक अन्य प्रतिभागी ने बाबा साहब के विकसित भारत 2047 के सपने को आगे बढ़ाने का संकल्प लिया और कहा कि केवल आर्थिक प्रगति ही नहीं बल्कि सामाजिक न्याय, समान अक्सर, लैंगिक समानता और नवाचार को अपना कर ही हम एक सशमा राष्ट्र की कल्पना को साकार कर सकते हैं। एक अन्य प्रतिभागी ने अपने भाषण में कहा कि “जब संकल्प बढ़ा होता है तो शक्ति भी बढ़ी होती है और बाबा साहेब का संकल्प आज पुचाआ के लिये मार्गदर्शक है।
इस प्रतियोगिता में डॉ० भीमराव अबिडकर विश्वविद्यालय की छात्रा श्रेया दीपक ने प्रथम स्थान तथा सरदार बल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय मेरठ की छात्रा आयुषी सिंह ने द्वितीय स्थान प्राप्त किया। उपरोक्त दोनों प्रतिभागी दिनांक 14 अप्रेल 2025 को राजभवन में आयोजित प्रतियोगिता में प्रतिभाग करेंगे।
निर्णायक मण्डल के सदस्य के रूप में प्रो० अरुणोदय बाजपेयी डॉ० अरूण कुमार राघव और डॉ० आनन्द राय सम्मलित थे।
इस अवसर अधिष्ठाता छात्र कल्याण प्रो० भूपेन्द्र स्वरूप शर्मा, सहायक अधिष्ठाता छात्र कल्याण प्रो० एस०के० जैन, डॉ० अखिलेश सक्सेना, डी० रत्ना पाण्डेय, प्रो० ब्रजेश रावत, डॉ० स्वाती माधुर, डी० सीमा सिंह, डॉ० हवेता चौधरी, डॉ० योगेन्द्र शर्मा, डॉ० श्वेता गुप्ता, डॉ० जाग्रती असीजा, डी० बीपक कुलश्रेष्ठ आदि उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन डॉ० रुचिरा प्रसाद ने किया।