उत्तर प्रदेश

नगर निगम की अनदेखी से शहीद नगर और आसपास के इलाकों में बढ़ी गंदगी, हालात बिगड़े

आगरा। शहरी विकास के दावे भले ही किए जा रहे हों, लेकिन आगरा के शहीद नगर और आसपास के इलाकों में नगर निगम की उदासीनता के कारण बदहाली की स्थिति बनी हुई है। स्मार्ट सिटी की दौड़ में आगरा का नाम शामिल तो हो गया है, लेकिन यह शहर के कुछ पॉश इलाकों तक ही सीमित है। शहीद नगर जैसे क्षेत्रों में विकास की कोई ठोस योजना नजर नहीं आ रही है।

यह इलाका, जो आगरा विकास प्राधिकरण (एडीए) के तहत आता है और ताजमहल से केवल 2 किलोमीटर दूर स्थित है, गंदगी, जलभराव और अव्यवस्थित सफाई के कारण नर्क जैसा बन चुका है। यहां पर जगह-जगह कूड़े के ढेर, नालियां जाम और सीवेज ओवरफ्लो हो रहे हैं। शहीद नगर के वार्ड 77 में बुरी हालत के चलते स्थानीय निवासियों को गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। गर्मी के मौसम में इन समस्याओं से बीमारियों का खतरा बढ़ गया है।

स्थानीय समाजसेवी सईद आलम बब्लू, बसपा नेता मोहम्मद रिजबान और मोहम्मद जुनैद ने इस बारे में कई बार अधिकारियों को शिकायत दी, लेकिन उनकी कोई सुनवाई नहीं हुई। क्षेत्र के लोग बताते हैं कि नगर निगम द्वारा उनकी शिकायतें रद्दी की टोकरी में डाल दी जाती हैं और किसी भी समस्या का समाधान नहीं किया जाता। क्षेत्र के लोगों के अनुसार, चुनाव के दौरान नेता यहां आते हैं, लेकिन चुनाव बाद जनता की कोई सुध नहीं लेता।

वार्ड 77 की बदहाली के कारण स्थानीय निवासी परेशान हैं। यहां के निवासी नसीम कुरैशी और बिरयानी वालों का कहना है कि एडीए और नगर निगम नोटिस भेजकर बसूली तो कर लेते हैं, लेकिन वहां रहने वाले लोगों की समस्याओं पर ध्यान नहीं दिया जाता।

क्षेत्रीय सुपरवाइजर पिंटू केवल चहेते और प्रमुख चौराहों की सफाई कराकर अपनी जिम्मेदारी से बचने की कोशिश कर रहे हैं, जबकि इलाके की वास्तविक स्थिति को नजरअंदाज किया जा रहा है।

स्थानीय निवासियों ने पार्षद दीपक वर्मा से पूरे शहीद नगर का निरीक्षण कर सफाई व्यवस्था सुधारने की मांग की है। उनका कहना है कि गंदगी और जलभराव के कारण मच्छरों का प्रकोप बढ़ गया है, जो बीमारियों का कारण बन सकते हैं।