उत्तर प्रदेश

बच्चों का पाँच साल में सात बार नियमित टीकाकरण जरूरी- सीएमओ

  • रविवार के दिन भी उपलब्ध हैं, टीकाकारण की सुविधा
  • 30 शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर मंगलवार से रविवार तक हर दिन टीकाकारण की सुविधाएं उपलब्ध हैं
  • वीएचएसएनडी और यूएचएसएनडी सत्र पर गर्भवती सहित शून्य से पांच साल तक के बच्चों का टीकाकरण किया जाता है

आगरा, जिले में बुधवार को राष्ट्रीय नियमित टीकाकरण कार्यक्रम के अंतर्गत विभिन्न स्थानों पर 5000 छाया एकीकृत ग्राम स्वास्थ्य स्वच्छता पोषण दिवस (वीएचएसएनडी) और यूएचएसएनडी सत्र का आयोजन किया जाएगा । वीएचएसएनडी और यूएचएसएनडी सत्र पर गर्भवती सहित शून्य से पांच साल तक के बच्चों का टीकाकरण किया जाता है। ग्यारह प्रकार की गंभीर बीमारियों से बचाने के लिए बच्चों का पाँच साल में 7 बार नियमित टीकाकरण जरूरी है l नियमित टीकाकरण से संबंधित सभी महत्वपूर्ण टीके सरकारी स्वास्थ्य इकाइयों पर उपलब्ध है। गुणवत्ता से युक्त इन टीकों को छुट्टी के दिन (रविवार) भी लगया जा रहा है यह कहना है मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ. अरुण श्रीवास्तव का ।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि रविवार को एसएन मेडिकल कॉलेज, जिला अस्पताल व जिला महिला अस्पताल को 30 शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर टीकाकरण सुविधा उपलब्ध है। इस वित्तीय वर्ष अप्रैल 2024 से मार्च 2025 तक जनपद में कुल 90.1 प्रतिशत बच्चों का सम्पूर्ण टीकाकरण हुआ है। उन्होंने कहा कि यह देखने में आ रहा था, कार्य दिवसों में विभिन्न कार्यालयों, संस्थाओं आदि में कार्य करने वाले लोग समय से अपने बच्चों का टीकाकरण नहीं करा पा रहे थे, ऐसे में सभी लोगों के बच्चे प्रतिरक्षित हो सके इसके लिए रविवार के दिन भी टीकाकारण की सुविधा उपलब्ध हैं ।

उन्होंने अभिभावकों से अपील की वह अपने क्षेत्र की आशा कार्यकर्ता व आंगनवाड़ी कार्यकर्ता से संपर्क करें और नजदीकी सत्र स्थल पर आकर अपने बच्चों का टीकाकरण कराएं साथ ही अपने आसपास के लोगों रिश्तेदारों को गर्भवती और बच्चों का समय से टीकाकरण करने के लिए प्रेरित करें जिससे बच्चे ग्यारह जानलेवा बीमारियों से सुरक्षित रहे l

प्रभारी जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ. उपेंद्र ने बताया कि वीएचएसएनडी और यूएचएसएनडी सत्र पर गर्भवती सहित शून्य से पांच साल तक के बच्चों का टीकाकरण किया जाता है। इन सत्रों पर गर्भवती की प्रसव पूर्व जांच सहित काउंसलिंग का भी प्रावधान है जिसमें गर्भवती को पौष्टिक आहार के सेवन, गर्भावस्था से संबंधित जानकारी, परिवार नियोजन के साधनों के बारे में जानकारी दी जाती है। इसी क्रम में कुपोषित बच्चों को चिन्हित करने के लिए वजन और लंबाई के अनुसार उन्हें सैम और मैंमै कैटेगरी में विभाजित किया जाता है। बच्चों की स्थिति से अभिभावकों को अवगत कराया जाता है। बच्चों को संदर्भित करने से संबंधित जानकारी भी दी जाती है । किशोरियों को आयरन की टेबलेट का सेवन और मेंस्ट्रूअल हाइजीन के लिए भी काउंसलिंग की जाती है।

उन्होंने बताया कि वीएचएसएनडी और यूएचएसएनडी सत्र का विश्व स्वास्थ्य संगठन की एसएमओ डॉ. महिमा चतुर्वेदी और विश्व स्वास्थ्य संगठन की टीम द्वारा सहयोगात्मक पर्यवेक्षण, जे.एस.आई संस्था के प्रोग्राम ऑफिसर नितिन खन्ना शहरी क्षेत्र में आयोजित सत्रों पर शत प्रतिशत टीकाकरण करने में सहयोग कर रहे है साथ ही यूनिसेफ की टीम द्वारा टीकाकरण कराने से इनकार करने वाले (वैक्सीन अवॉइडेंस बिहैवियर) मना करने वाले परिवारों में सहयोग किया जा रहा है ।


नियमित टीकाकरण के लाभ-

  • बच्चों को जानलेवा बीमारियों से बचाव
  • गर्भवती महिलाओं को सुरक्षित प्रसव के लिए तैयारी
  • समाज में बीमारियों को फैलने से रोकथाम
  • टीकाकरण के लिए हमारी जिम्मेदारी:
  • गर्भवती महिलाओं और बच्चों को टीकाकरण के लिए प्रेरित करें
  • टीकाकरण केंद्रों पर जाने में मदद करें
  • समाज में टीकाकरण के महत्व के बारे में जागरूकता फैलाएं