जिला अस्पताल में नहीं मिला वृद्ध को स्ट्रेचर,
विभाग की संवेदनहीनता ने किया शर्मसार,
संवाद।। MASOOD TAIMURI
इटावा । जिला अस्पताल के गेट से इमरजेंसी तक 76 वर्षीय बुजुर्ग अपनी पत्नी उठाकर पैदल-पैदल जब इमरजेंसी वार्ड के अंदर पहुंच गया और जब ज्यादा थक गया तो बुजुर्ग ने अपनी बीमार पत्नी को गोद में बैठा लिया। इस घटना पर भी अस्पताल कर्मियों को तरस नहीं आया और उस बुजुर्ग दंपत्ति को स्ट्रेचर तक उपलब्ध नहीं कराया गया। मीडिया के पहुंचने पर अस्पताल के स्टाफ का नजरिया बदला और बीमार वृद्धा को ट्रीटमेंट के लिए स्ट्रेचर से ले जाया गया।
ज्ञात रहे कि दबाह भटपुरा निवासी जगदीश नारायण पांडेय 76 वर्ष ने बताया कि वह अपनी बीमार पत्नी लता देवी को लेकर उदी सीएचसी पहुंचा जहां उसे मौजूद एक महिला चिकित्सक ने बिना उपचार दिए ही इटावा ले जाने की सलाह दी हताश और परेशान वृद्ध ने एंबुलेंस की मांग की तो उससे कहा गया कि वह अपने फोन से मंगाए उसने बताया कि मेरे पास फोन नहीं था तो मेरी कोई मदद नहीं हुई और मैं अपनी पत्नी को ऑटो से इटावा अस्पताल लाए। ऑटो द्वारा मुझे गेट पर उतर दिया गया मजबूरन मैं अपनी बीमार पत्नी को गोद में किसी तरह लेकर इमरजेंसी पहुंचा। कोई व्यवस्था नहीं मिली तो मैने उन्हें गोद में ही लिया लिया।
उसने बताया कि उसकी पत्नी को दस्त और उल्टी हो रही थी लेकिन सीएचसी पर केवल पर्चा पकड़ा कर भगा दिया गया।
इस तरह सरकारी अस्पताल में बुजुर्ग महिला को नहीं मिला स्ट्रेचर तो गोद में लेकर पति को बैठना पड़ा जो अस्पताल की असली स्थिति को उजागर करता है।
बुजुर्ग महिला को नहीं मिली सरकारी एंबुलेंस ?
उत्तर प्रदेश सरकार के स्वास्थ्य मंत्री बृजेश पाठक लगातार स्वास्थ्य व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने में जुटे हुए हैं लेकिन उनकी ही स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी और डॉक्टर अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहे। ऐसा ही एक मामला प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र उदी से सामने आया। जहां जगदीश नाम के 76 साल,बुजुर्ग अपनी पत्नी लाली 70 साल को दिखाने के लिए उदी में बने सीएचसी अस्पताल में पहुंचे थे जहां पर डॉक्टरों ने लाली को जिला अस्पताल ले जाने के लिए बोल दिया। लेकिन बुजुर्ग को डायल 108 सरकारी एंबुलेंस नहीं मिली और ना ही अस्पताल की तरफ से एंबुलेंस को मुहैया कराया गया। जिसके बाद जगदीश अपनी बुजुर्ग पत्नी को ऑटो के जरिए जिला अस्पताल लेकर पहुंचे लेकिन यहां भी लापरवाही का सिलसिला देखने को मिला।