आगरा। आवास विकास कॉलोनी में आयोजित भीमनगरी समारोह के दूसरे दिन बुधवार को 75 नवयुगल बौद्ध रीति-रिवाजों के अनुसार विवाह सूत्र में बंधे। आयोजन स्थल पर हजारों लोगों की मौजूदगी में सामूहिक विवाह का यह भव्य दृश्य सामाजिक समरसता और दहेज मुक्त समाज की प्रेरणा बन गया।
सामूहिक विवाह आयोजन की शुरुआत आंबेडकर भवन, सेक्टर-6 से हुई, जहां से दूल्हे घोड़े पर सवार होकर बैंड-बाजे के साथ सेक्टर-11 स्थित आयोजन स्थल पर पहुंचे। समारोह का मंच नागपुर की दीक्षाभूमि की तर्ज पर सजाया गया था। विवाह की सारी रस्में बौद्ध भिक्षुओं – भंते बोधिरत्न, धम्म बोधि, और उंगलीमाल – द्वारा संपन्न कराई गईं।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश के. जी. बालकृष्णन ने नवविवाहितों को आशीर्वाद देते हुए कहा, “बाबा साहब का बनाया हुआ संविधान आज भी भारत के लिए एक पवित्र ग्रंथ है। उन्होंने बहुजन समाज को सम्मानपूर्वक जीने की राह दिखाई।”
भीमनगरी महासचिव श्याम जरारी ने बताया कि 1996 से लगातार इस आयोजन के अंतर्गत अब तक 3,000 से अधिक विवाह कराए जा चुके हैं। कार्यक्रम में दहेज रहित विवाह का संदेश गूंजता रहा और ‘जय भीम – जय संविधान’ के नारों से वातावरण गूंज उठा।
सामूहिक विवाह समारोह में किचन के बर्तन, डिनर सेट, सीलिंग फैन, साड़ी, घड़ी, और नगद 1151 रुपये जैसे उपहार नवविवाहितों को भेंट किए गए। भीम आर्मी और समता सैनिक दल के युवाओं के साथ-साथ पुलिस प्रशासन की ओर से व्यापक सुरक्षा इंतज़ाम किए गए थे।
झूले, चाट-पकौड़ी, तमाशे और सांस्कृतिक गतिविधियों के कारण भी यह आयोजन आम लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र बना रहा। फिरोजाबाद, हाथरस, अलीगढ़, शिकोहाबाद जैसे आसपास के जिलों से भी भारी संख्या में लोगों ने भागीदारी की।
तीसरे दिन, गुरुवार को समारोह के अंतर्गत समाज के मेधावी छात्र-छात्राओं और अधिकारी वर्ग के लोगों को सम्मानित किया जाएगा। इसके साथ ही अगले वर्ष भीमनगरी का आयोजन किस स्थान पर होगा, इसकी भी घोषणा की जाएगी।