उत्तर प्रदेश

कृतित्व”: डॉ. सरोज भार्गव की एकल चित्रकला प्रदर्शनी का भव्य समापन

आगरा। बैकुंठी देवी कन्या महाविद्यालय की पूर्व प्राचार्या एवं सुप्रसिद्ध चित्रकारा डॉ. सरोज भार्गव की तीन दिवसीय एकल चित्रकला प्रदर्शनी “कृतित्व” का समापन आज दिनांक 17 अप्रैल 2025 को प्रो. नसरीन बेगम द्वारा अंतिम चित्र उतारकर किया गया। यह आयोजन न केवल एक कला प्रदर्शनी था, बल्कि एक कलाकार के जीवन-यात्रा का उत्सव भी था, जिसने उपस्थित दर्शकों को गहराई से प्रभावित किया।

प्रदर्शनी में प्रदर्शित पोर्ट्रेट, कंपोजीशन, स्टिल लाइफ एवं लैंडस्केप जैसे चित्रों में रंगों की सजीवता, संयोजन की उत्कृष्टता और कलाकार के अंतःप्रवाह की दक्षता स्पष्ट झलकती थी। महाविद्यालय के शिक्षक, छात्राएं तथा आगरा के विभिन्न शिक्षण संस्थानों से आए कला प्रेमियों ने प्रदर्शनी का अवलोकन कर इसकी सराहना की।

डॉ. सरोज भार्गव, जिन्हें उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा पद्मश्री योगेंद्र कला सम्मान-2024 से अलंकृत किया जा चुका है, ने इस अवसर पर कहा —
“कला अंतरमन की झारियों की सशक्त अभिव्यक्ति है। मेरी कलाकृतियाँ मेरे हृदय की अनुभूति और कल्पनाओं का रंगों के माध्यम से प्रकटीकरण हैं। यह मेरी साधना है, जो जीवनपर्यंत चलती रहेगी।”

समापन समारोह में प्रो. नसरीन बेगम ने डॉ. भार्गव के व्यक्तित्व और शिक्षकीय योगदान को स्मरण करते हुए कहा,
“उनके शिष्य आज देशभर में कला का दीप जला रहे हैं। यह प्रदर्शनी केवल चित्रों की प्रस्तुति नहीं, बल्कि एक पीढ़ी के भावनात्मक जुड़ाव की सुंदर माला है।”

इस अवसर पर डॉ. बिंदु अवस्थी, डॉ. साधना सिंह, डॉ. विनीता, डॉ. सविता प्रसाद, डॉ. मोना सिंह, साधना भार्गव, राधा मुकुल गुप्ता, नंदन नंदन गर्ग, ममता बंसल सहित शहर के कई गणमान्य विद्वान उपस्थित रहे। मंच संचालन डॉ. बिंदु अवस्थी ने किया तथा धन्यवाद ज्ञापन डॉ. साधना सिंह ने प्रस्तुत किया।

कार्यक्रम के अंत में डॉ. भार्गव ने आगामी पीढ़ियों को चित्रकला संबंधी अमूल्य सूत्र प्रदान किए, जो कला साधकों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनेंगे। समापन की भावनात्मक घड़ी में एक सुंदर पंक्ति ने सभी का मन मोह लिया:

रिफलें और बुलंदी भी तुझ पर नाज़ करें,
तुम्हारी ये उम्र खुदा और भी दराज़ करे।”