दिल्ली

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यमुना नदी की सफाई और पुनर्जीवन की प्रगति की समीक्षा की

नई दिल्ली । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज 7, लोक कल्याण मार्ग स्थित अपने आवास पर यमुना नदी की सफाई और पुनर्जीवन से जुड़ी योजनाओं की प्रगति की समीक्षा के लिए एक उच्चस्तरीय बैठक की अध्यक्षता की। इस बैठक में केंद्रीय गृह मंत्री, जल शक्ति मंत्री, दिल्ली के मुख्यमंत्री और अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।

बैठक में यमुना की स्वच्छता को लेकर एक समग्र कार्य योजना पर चर्चा की गई, जिसे तीन चरणों—अल्पकालिक (3 महीने), मध्यम अवधि (3 महीने से 1.5 वर्ष) और दीर्घकालिक (1.5 से 3 वर्ष)—में विभाजित किया गया है।

योजना के प्रमुख घटकों में निम्नलिखित शामिल हैं:

नालों का प्रबंधन: यह सुनिश्चित करना कि अनुपचारित सीवेज सीधे यमुना में न जाए।

ठोस अपशिष्ट प्रबंधन: कचरे को वैज्ञानिक ढंग से निपटाने के उपाय।

सीवेज और डेयरी अपशिष्ट प्रबंधन: नगरीय व डेयरी अपशिष्ट की समुचित सफाई व निस्तारण।

औद्योगिक अपशिष्ट पर नियंत्रण: औद्योगिक इकाइयों द्वारा प्रदूषण को रोकने हेतु सख्त निगरानी।

अपशिष्ट जल उपचार अधोसंरचना का विकास: वर्तमान और प्रस्तावित जल शोधन संयंत्रों का प्रभावी क्रियान्वयन।

नदी प्रवाह व बाढ़ मैदान संरक्षण: यमुना की पारिस्थितिकीय बहाली।

ग्रीन रिवर फ्रंट का विकास: सौंदर्यीकरण के साथ-साथ जन उपयोग के लिए नदी तटों का विकास।

जन सहभागिता: स्थानीय जनता को इस मुहिम से जोड़ने के प्रयास।

प्रधानमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि इस कार्य को तय समय-सीमा में गुणवत्ता के साथ पूरा किया जाए और हर स्तर पर पारदर्शिता बनी रहे। उन्होंने कहा कि यमुना केवल एक नदी नहीं, बल्कि सांस्कृतिक और पर्यावरणीय विरासत का प्रतीक है।

यह बैठक एक संकेत है कि सरकार राजधानी क्षेत्र में पर्यावरण सुधार की दिशा में गंभीर और ठोस कदम उठा रही है।