रावतपुर गांव की साक्षी श्रीवास्तव ने अपनाया होम्योपैथिक इलाज, मिली नई जिंदगी
लखनऊ । रावतपुर गांव की 22 वर्षीय साक्षी श्रीवास्तव पिछले दो वर्षों से स्त्री रोगों की समस्या से जूझ रही थीं। उनका इलाज कई स्त्री रोग विशेषज्ञों से हुआ, लेकिन उन्हें ऑपरेशन की सलाह दी गई। हार्मोनल असंतुलन, मासिक धर्म की अनियमितता और गर्भाशय में गांठ जैसी समस्याओं का सामना कर रही साक्षी ने ऑपरेशन की बजाय होम्योपैथिक चिकित्सा का रास्ता चुना। यह निर्णय उनके लिए वरदान साबित हुआ।
साक्षी ने बताया कि, “पहले मैं ऑपरेशन से डर रही थी, लेकिन जब मैंने आरोग्यधाम की डॉक्टर आरती मोहन से सलाह ली, तो उनकी सलाह से मैंने होम्योपैथिक उपचार शुरू किया। उपचार के महज डेढ़ महीने के भीतर दोनों ओवरी की गांठें पूरी तरह ठीक हो गईं।”
डॉ. आरती मोहन, स्त्री रोग विशेषज्ञ, ने बताया कि साक्षी के लक्षणों के आधार पर होम्योपैथिक दवाएं दी गईं। एक महीने में ही साक्षी के मासिक धर्म में सुधार हुआ और हार्मोनल संतुलन ठीक हुआ, जिससे ओवरी की गांठें धीरे-धीरे पूरी तरह ठीक हो गईं।
साक्षी का पहला अल्ट्रासाउंड 16 दिसंबर 2024 को कराया गया था, जिसमें दाहिनी ओवरी में 14 मिमी और बायीं ओवरी में 10 मिमी की गांठ पाई गई थी। फिर 13 अप्रैल 2025 को कराया गया अल्ट्रासाउंड पूरी तरह सामान्य आया, और दोनों गांठें गायब हो गईं।
डॉ. हेमंत मोहन ने इस सफलता को होम्योपैथिक चिकित्सा के प्रभावी परिणामों के रूप में बताया। उन्होंने कहा, “होम्योपैथिक दवाएं सही समय पर दी जाएं तो बिना किसी दुष्प्रभाव के चमत्कारी परिणाम देती हैं।”
साक्षी ने डॉ. आरती मोहन का धन्यवाद किया और कहा, “मैंने जब सारे रास्ते बंद होते महसूस किए, तब होम्योपैथिक इलाज ने मुझे उम्मीद और स्वास्थ्य दोनों दिए।”