
राजनीति शास्त्र विभाग द्वारा आयोजित संगोष्ठी में छात्राओं ने जाना महिलाओं का संवैधानिक योगदान

आगरा। संविधान निर्माता डॉ. भीमराव अम्बेडकर जयन्ती के उपलक्ष्य में आयोजित 15 दिवसीय कार्यक्रम श्रृंखला के अंतर्गत शनिवार को बैकुण्ठी देवी कन्या महाविद्यालय के राजनीति शास्त्र विभाग द्वारा ‘संविधान निर्माण में महिलाओं की भागीदारी’ विषय पर एक दिवसीय व्याख्यान का आयोजन किया गया।

कार्यक्रम की अध्यक्षता महाविद्यालय की प्राचार्या प्रो. पूनम सिंह ने की तथा संचालन विभागाध्यक्ष डॉ. रीना द्वारा किया गया। उन्होंने अपने उद्घाटन भाषण में डॉ. अम्बेडकर के विचारों की वर्तमान समय में प्रासंगिकता पर प्रकाश डालते हुए नई पीढ़ी को उनके सिद्धांतों से प्रेरणा लेने के लिए प्रोत्साहित किया।

प्रो. नसरीन बेगम (विभागाध्यक्षा, उर्दू विभाग) ने संविधान सभा में शामिल 15 महिला सदस्यों के योगदान को रेखांकित किया और बताया कि भारत का संविधान सिर्फ एक दस्तावेज नहीं, बल्कि समता, स्वतंत्रता और सामाजिक न्याय का मार्गदर्शक है। उन्होंने डॉ. अम्बेडकर के राजनीतिक एवं सामाजिक दृष्टिकोण पर भी अपने विचार साझा किए।

इस अवसर पर प्रो. गुंजन चतुर्वेदी, प्रो. सुनीता चौहान, प्रो. पूनम रानी गुप्ता, सुश्री विनीता गुप्ता, डॉ. शालिनी, डॉ. मनीषा एवं श्रीमती सपना देवी यादव ने विषय पर विस्तृत विचार प्रस्तुत किए।

एम.एड. विभाग की छात्रा डॉली गुप्ता ने छात्राओं का प्रतिनिधित्व करते हुए कहा, “पैरों में जूते न हों पर हाथों में किताब जरूर हो,”—जो शिक्षा के महत्व को रेखांकित करता है।

अंत में धन्यवाद ज्ञापन राजनीति शास्त्र विभाग की प्रवक्ता सुश्री प्रियंका सिंह द्वारा किया गया। उन्होंने एन.सी.आर.बी.-2022 की रिपोर्ट के आंकड़ों के माध्यम से महिलाओं की वर्तमान सामाजिक स्थिति पर भी प्रकाश डाला।

कार्यक्रम में छात्राओं की सक्रिय भागीदारी रही और सभी ने इस आयोजन को प्रेरणादायक और ज्ञानवर्धक बताया।