
आगरा,। डॉ. भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय के खंदारी परिसर में सोमवार को “बौद्धिक संपदा अधिकार” (IPR) विषय पर एक शैक्षणिक व्याख्यान का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का आयोजन विश्वविद्यालय के IPR सेल द्वारा किया गया, जिसमें कुलपति प्रो. आशु रानी ने मुख्य वक्ता के रूप में सहभागिता की।

कार्यक्रम का शुभारंभ IPR सेल के संयोजक प्रो. गौतम जैसवार के स्वागत भाषण से हुआ। प्रो-चांसलर प्रो. अजय तनेजा ने कुलपति महोदया का औपचारिक परिचय प्रस्तुत किया।
अपने व्याख्यान में प्रो. आशु रानी ने पेटेंट, कॉपीराइट, ट्रेडमार्क, डिज़ाइन, ट्रेड सीक्रेट और जियोग्राफिकल इंडिकेशन्स जैसी बौद्धिक संपदा की विभिन्न शाखाओं पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि किस प्रकार ये अधिकार नवाचार, शोध और औद्योगिक विकास में योगदान देते हैं और व्यक्ति या संस्था की सृजनात्मकता को कानूनी संरक्षण प्रदान करते हैं।
उन्होंने कहा, “यदि विश्वविद्यालयों और शोध संस्थानों में तैयार की गई कृतियों को समय रहते संरक्षित न किया जाए, तो उनके दुरुपयोग की आशंका बनी रहती है।” उन्होंने शिक्षकों और शोधकर्ताओं से आग्रह किया कि वे अपने अनुसंधान को पेटेंट फाइलिंग की प्रक्रिया से जोड़ें और छात्रों को नवाचार हेतु प्रेरित करें।

प्रो. आशु रानी ने यह भी स्पष्ट किया कि बौद्धिक संपदा केवल विज्ञान और तकनीकी क्षेत्रों तक सीमित नहीं है, बल्कि साहित्य, समाजशास्त्र, कला, वाणिज्य और शिक्षा में भी इसकी महत्ता समान रूप से है।
व्याख्यान के बाद एक संवाद सत्र आयोजित हुआ, जिसमें रसायन विभाग के संकाय सदस्यों ने IPR फाइलिंग, पेटेंट की वैधता, और अंतरराष्ट्रीय संरक्षण से जुड़े प्रश्न पूछे। कुलपति महोदया ने सभी जिज्ञासाओं का संतुलित एवं व्यावहारिक समाधान प्रस्तुत किया।
कार्यक्रम के समापन पर कुलपति को IPR सेल की ओर से स्मृति चिन्ह भेंट किया गया तथा समूह चित्र लिया गया। धन्यवाद ज्ञापन रसायन विभागाध्यक्ष प्रो. देवेंद्र कुमार द्वारा प्रस्तुत किया गया, जिन्होंने व्याख्यान को अत्यंत प्रेरणादायक बताया।

इस अवसर पर प्रो. गौतम जैसवार ने 26 अप्रैल को विश्व बौद्धिक संपदा दिवस के उपलक्ष्य में निबंध लेखन प्रतियोगिता की घोषणा की। साथ ही उन्होंने बताया कि MSME एवं Ennoble IP के विशेषज्ञ आगामी सत्रों में पेटेंट फाइलिंग और इनोवेशन के विविध पहलुओं पर विस्तृत जानकारी देंगे।
कार्यक्रम में IPR सेल के सभी सदस्य एवं विभिन्न विभागों के संकायगण उपस्थित रहे।