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बेगम हाजरा रहीम: भारत की पहली महिला जिन्होंने ग्रैंड मोटर रेस जीतकर रच दिया इतिहास

इतिहास के पन्नों में कई ऐसी महिलाएं छुपी हैं, जिनकी कहानियाँ आज भी हमें साहस और आत्मविश्वास की प्रेरणा देती हैं। ऐसी ही एक बेमिसाल शख़्सियत थीं बेगम हाजरा रहीम, जिन्होंने उस दौर में कुछ ऐसा कर दिखाया, जिसकी कल्पना करना भी आसान नहीं था।

12 अक्टूबर 1937 का दिन भारतीय मोटर रेसिंग के इतिहास में स्वर्ण अक्षरों में दर्ज हो गया, जब कलकत्ता से रांची तक की 300 मील लंबी मोटर रेस का आयोजन हुआ। यह प्रतियोगिता कोई साधारण दौड़ नहीं थी — यह एक चुनौतीपूर्ण, धैर्य और साहस की परीक्षा थी, जिसमें 43 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया। इनमें महिलाएं और पुरुष दोनों शामिल थे।

इसी रेस में बेगम हाजरा रहीम ने हिस्सा लिया और अपनी दृढ़ इच्छाशक्ति, तेज़ सोच और बेहतरीन ड्राइविंग कौशल के बल पर AAB Challenge Shield नामक प्रतिष्ठित ट्रॉफी जीत ली। वे इस खिताब को जीतने वाली भारत की पहली महिला बनीं।

उनकी इस ऐतिहासिक जीत ने न सिर्फ़ महिलाओं के आत्मविश्वास को नई उड़ान दी, बल्कि यह भी सिद्ध कर दिया कि जुनून और हौसले के आगे कोई दीवार टिक नहीं सकती। उनके अद्वितीय साहस और उपलब्धि को सम्मानित करते हुए उन्हें एक चांदी की मोटर कार (Silver Motor Car) से नवाज़ा गया — जो आज भी उनके जज़्बे की याद दिलाती है।

आज, जब हम महिला सशक्तिकरण की बात करते हैं, तो हमें बेगम हाजरा रहीम जैसी महिलाओं को जरूर याद करना चाहिए, जिन्होंने बिना किसी शोर-शराबे के, अपने कर्मों से इतिहास रच दिया।